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राष्ट्र रक्षा महायज्ञ एकता का प्रतीक : राजनाथ

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राष्ट्र रक्षा महायज्ञ को एकता और और राष्ट्र की अखंडता का प्रतीक बताया

राष्ट्र रक्षा महायज्ञ एकता का प्रतीक : राजनाथ
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नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राष्ट्र रक्षा महायज्ञ को एकता और और राष्ट्र की अखंडता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि भारत पूरी दुनिया के कल्याण के लिए एक शक्तिशाली राष्ट्र बनना चाहता है न कि किसी को डराने के लिए। नई दिल्ली स्थित इंडिया गेट से रथयात्रा को रवाना करते हुए गृहमंत्री ने कहा, "इस (राष्ट्र महायज्ञ) का उद्देश्य हमारे देश को अधिक समृद्ध और ताकतवर बनाना है।"

इस यात्रा के माध्य से राष्ट्रीय राजधानी में 18-25 मार्च के बीच होने वाले एक सप्ताह के यज्ञ के लिए मिट्टी और जल संग्रह किया जाएगा।

गृहमंत्री ने कहा, "इसका अभिप्राय किसी दूसरे देश को भयभीत करना नहीं, बल्कि शेष दुनिया की सेवा करना है और यह सुनिश्चित करना है कि भारत फिर विश्वगुरु का स्थान धारण करता है।"

समृद्ध भारत हमेशा दुनिया को अधिक समृद्ध बनाने की दिशा में कार्य करेगा।

उन्होंने इस सप्ताह भर चलने वाले यज्ञ को न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि पूरे संसार के लिए एक अनोखा प्रयास बताया। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह हमारी एकता और राष्ट्रीय अखंडता का प्रतीक है।

गृहमंत्री ने कहा कि इससे पहले अने राजनीतिक दलों ने कई रथ यात्राएं निकालीं और उन यात्राओं का मकस राजनीतिक सफलता या व्यक्तिगत लाभ अर्जित करना था।

लेकिन इस जल मिट्टी यात्रा का मकसद सिर्फ राष्ट्र की समृद्धि और समाज में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करना है।

सिक्किम के डोकलाम जहां भारत और चीलन के बीच गतिरोध की स्थिति जहां पैदा हुई थी वहां से लेकर जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास स्थित पुंछ और पंजाब स्थित बाघा सीमा व चार तीर्थस्थलों से जल और मिट्टी लाई जाएगी।

इन जगहों से मिट्टी और जल लाकर उनसे यहां यज्ञ स्थल का निर्माण किया जाएगा।

पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी राष्ट्र रक्षा महायज्ञ के लिए यहां दिल्ली में मिस्ड कॉल नंबर लांच किया था।


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