Top
Begin typing your search above and press return to search.

अभाविप का राष्ट्रीय अधिवेशन, दिल्ली में बसेगी टेंट सिटी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इंद्रप्रस्थ नगर नाम से दिल्ली में टेंट सिटी बसाएगी

अभाविप का राष्ट्रीय अधिवेशन, दिल्ली में बसेगी टेंट सिटी
X

नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इंद्रप्रस्थ नगर नाम से दिल्ली में टेंट सिटी बसाएगी। यह तैयारी विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए है। यह अधिवेशन दिल्ली के डीडीए ग्राउंड बुराड़ी में होगा। यहां एक पूरा अस्थायी नगर बसाया जाएगा। इस पूरे नगर का नाम पांडवकालीन राजधानी रही 'इंद्रप्रस्थ नगर' पर रखा गया है।

इस नगर के मुख्य सभागार का नाम अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह रहे स्व. मदनदास देवी के नाम पर रखा गया है‌। साथ ही इस इंद्रप्रस्थ नगर के आवासीय परिसरों के द्वारों के नाम महाराज सूरजमल तथा सम्राट मिहिर भोज के नाम पर रखा जाएगा।

डीडीए ग्राउंड पर टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। अभाविप अपनी संगठनात्मक यात्रा के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में पूर्वोत्तर भारत के राज्यों का शेष भारत के युवाओं से गहन परिचय कराने के उद्देश्य से 'पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा' आयोजित कर रही है। विद्यार्थी परिषद के मुताबिक इसके अंतर्गत देशभर के अलग-अलग राज्यों के 75 विद्यार्थी पूर्वोत्तर राज्यों की प्राकृतिक विविधता, पारिवारिक व सामाजिक संरचना आदि की दृष्टि से अध्ययन करने हेतु भ्रमण करेंगे। यह यात्रा 5 नवंबर को असम के गुवाहाटी से शुरू होगी।

इस पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा के पोस्टर का विमोचन गुरुवार को दिल्ली में अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल द्वारा किया गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय अधिवेशन के चार दिवसीय आयोजन (7 से 10 दिसंबर) के दौरान देश के हर कोने से विद्यार्थी भाग लेने दिल्ली पहुंचेंगे।

इस महत्वपूर्ण आयोजन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की 75 वर्षों की संगठनात्मक यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ावों से विद्यार्थियों को परिचित कराने, छात्र आंदोलन की प्रमुख शक्ति के रूप में विद्यार्थी परिषद के योगदान, देश के सभी भागों से अधिवेशन में भाग ले रही युवाशक्ति द्वारा देश की विविधता में एकता का स्वरूप दिखाई देगा।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आशुतोष सिंह ने कहा कि आधुनिकता के साथ अपनी जड़ों से भी विद्यार्थी परिचित रहें तथा भारत की एक राष्ट्र के रूप में सतत् प्रवाहमान यात्रा के स्वरूप को समझ सकें, इसके लिए अधिवेशन में विभिन्न प्रयास करने की योजना बनाई है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it