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राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण को कर छूट का पात्र बनाया गया

केंद्र ने बुधवार को राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10(46) के तहत 2021-22 से 2025-26 तक छूट के लिए अधिसूचित किया

राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण को कर छूट का पात्र बनाया गया
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नई दिल्ली। केंद्र ने बुधवार को राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10(46) के तहत 2021-22 से 2025-26 तक छूट के लिए अधिसूचित किया। आईटी अधिनियम की धारा 10 (46) किसी भी अधिसूचित निकाय/प्राधिकरण/बोर्ड/ट्रस्ट/आयोग (या उसके एक वर्ग) पर लागू होती है, जिसे केंद्रीय, राज्य या प्रांतीय अधिनियम द्वारा या उसके तहत स्थापित या गठित किया गया है, या आम जनता के लाभ के लिए किसी भी गतिविधि को विनियमित या प्रशासित करने के उद्देश्य से केंद्र या राज्य सरकार द्वारा गठित, किसी भी व्यावसायिक गतिविधि में शामिल नहीं है, उसे केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किया गया है।

यह खंड ऐसे निकायों से उत्पन्न होने वाली किसी भी निर्दिष्ट आय पर कर में छूट देता है। राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण की स्थापना जैविक विविधता अधिनियम, 2002 (2003 का 18) के तहत की गई है।

अधिसूचना में कहा गया है, केंद्र से सहायता अनुदान के रूप में प्राप्त राशि, लाभ साझा करने का शुल्क और प्राप्त रॉयल्टी, आवेदन शुल्क के रूप में प्राप्त राशि और उपरोक्त तीन से संचित धन पर अर्जित ब्याज पर (46) आईटी अधिनियम की धारा 10 के तहत कर में छूट दी जाएगी।

हालांकि, यह शर्तो के अधीन है कि राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण, चेन्नई किसी भी व्यावसायिक गतिविधि में संलग्न नहीं होगा, इसकी गतिविधियां और निर्दिष्ट आय की प्रकृति पूरे वित्तीय वर्षो में अपरिवर्तित रहेगी।

अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि छूट वित्तवर्ष 2021-2022 के लिए लागू मानी जाएगी और वित्तवर्ष 2022-2023, 2023-2024, 2024-2025 और 2025-2026 के संबंध में लागू होगी।


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