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राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षक नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के विचार-मंथन में शामिल

पुरस्कार विजेता शिक्षकों ने अपने जमीनी स्तर के अनुभवों के आधार पर नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क को विशिष्ट स्वरूप देने के लिए आवश्यक सुझाव प्रदान किए हैं

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षक नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के विचार-मंथन में शामिल
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नई दिल्ली। पुरस्कार विजेता शिक्षकों ने अपने जमीनी स्तर के अनुभवों के आधार पर नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क को विशिष्ट स्वरूप देने के लिए आवश्यक सुझाव प्रदान किए हैं। एनसीएफ के चार क्षेत्र स्कूली शिक्षा, प्रारंभिक बचपन की देखभाल एवं शिक्षा, शिक्षक शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा हैं। इसके लिए निचली इकाइयों से शुरू होकर शीर्ष इकाइयों तक चर्चा करने के ²ष्टिकोण का उपयोग किया जा रहा है, जिसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी एनसीएफ के लिए सुझाव प्रदान करने में शामिल किया जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक पुरस्कार विजेता शिक्षकों ने शिक्षा मंत्रालय और एनसीईआरटी के अधिकारियों और संकाय सदस्यों की उपस्थिति में इस परिचर्चा में भाग लिया। कागज रहित (पेपरलेस) तरीके से करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार करने की पूरी प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए एक 'टेक प्लेटफॉर्म' बनाया गया है। जिसके लिए निचली इकाइयों से शुरू होकर शीर्ष इकाइयों तक चर्चा करने के ²ष्टिकोण का उपयोग किया जा रहा है। इसमें सभी स्तरों पर परामर्श करना एवं रिपोर्ट तैयार करना भी शामिल है। यह प्लेटफॉर्म परामर्श के समेकन और सार प्रस्तुत करने के लिए मशीन लनिर्ंग (एमएल) का भी उपयोग करता है। राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के लिए डिजिटल सर्वेक्षण (डीआईएसएएनसी) एनईपी-2020 की अनुशंसा के आधार पर राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा (एनसीएफ) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वैसे तो एनसीएफ के लिए सुझाव प्राप्त करने के लिए विभिन्न हितधारकों जैसे कि विश्वविद्यालयों, सिविल सोसायटी समूहों, विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों, इत्यादि के साथ परामर्श जारी है, लेकिन स्कूली शिक्षा में अपना बहुमूल्य योगदान देने की शानदार उपलब्धि हासिल करने वाले शिक्षकों के साथ शिक्षक पर्व, 2022 के अवसर पर संवाद का आयोजन किया गया।

एनसीईआरटी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कुछ प्रमुख सिफारिशों जैसे कि नई पाठ्यक्रम और अध्यापन संरचना 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 के कार्यान्वयन, बहुभाषी शिक्षा, समग्र आकलन, नवीन अध्यापन विधि आदि पर इस संवाद की अगुवाई की। स्कूली शिक्षा के चार चरणों में मुख्य दक्षताओं, पाठ्यक्रम में सांस्कृतिक जड़ों, बहुभाषी शिक्षा, माध्यमिक स्तर पर विषयों के चयन में लचीलापन, नवीन अध्यापन विधि और समग्र आकलन जैसे विषयों पर चर्चा हुई।

गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय देश भर में 5 से 30 सितंबर तक शिक्षक पर्व, 2022 मना रहा है। हमारे देश की गुरु-शिष्य परंपरा का पालन करते हुए शिक्षकों के प्रति सम्मान दिखाने के लिए सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। इसके तहत छात्रों और शिक्षकों को शामिल करते हुए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट), ब्लॉक संसाधन केंद्रों एवं क्लस्टर संसाधन केंद्रों को शिक्षकों के साथ अभिनव अध्यापन पर परिचर्चा और संवाद में शामिल किया जा रहा है और इनसे जोड़ा जा रहा है।


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