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राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति सभी के लिए है लाभकारी, हर जिले में होने चाहिए 3-4 स्क्रैपिंग केंद्र : नितिन गडकरी

नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति को सभी हितधारकों के लिए लाभ की नीति बताते हुए देश के हर जिले में 3 से चार स्क्रैपिंग केंद्र स्थापित किए जाने की वकालत की है

राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति सभी के लिए है लाभकारी, हर जिले में होने चाहिए 3-4 स्क्रैपिंग केंद्र : नितिन गडकरी
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नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति को सभी हितधारकों के लिए लाभ की नीति बताते हुए देश के हर जिले में तीन से चार स्क्रैपिंग केंद्र स्थापित किए जाने की वकालत की है। मंगलवार को भारत में जापान के राजदूत सतोशी सुजुकी की मौजूदगी में नोएडा में मारुति सुजुकी टोयोत्सु इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित वाहन स्क्रैपिंग और रीसाइक्लिंग सुविधा का उद्घाटन करते हुए गडकरी ने कहा कि स्क्रैपेज नीति का उद्देश्य भारतीय सड़कों से अनुपयुक्त और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाना है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक ईकोसिस्टम बनाना है और इसके लिए अत्याधुनिक स्क्रैपिंग तथा रीसाइक्लिंग इकाइयों की जरूरत है।

स्क्रैपेज नीति के फायदे गिनाते हुए गडकरी ने कहा कि यह नीति ऑटोमोबाइल बिक्री बढ़ाने, रोजगार प्रदान करने, आयात लागत को कम करने, वृद्धिशील वस्तु और सेवा कर-जीएसटी राजस्व उत्पन्न करने और सेमी कंडक्टर चिप की वैश्विक कमी को हल करने में भी सहायता करेगी।

आपको बता दें कि, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में दूरदर्शी स्वैच्छिक वाहन आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत वाहन स्क्रैपिंग नीति शुरू की है। इस नीति का उद्देश्य पुराने असुरक्षित, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाने और उन्हें नए सुरक्षित और ईंधन दक्ष वाले वाहनों के साथ बदलने के लिए एक ईकोसिस्टम बनाना है। मंत्रालय ने भारत में आधुनिक वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं की स्थापना को सक्षम करने के लिए पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा नियमों को भी अधिसूचित किया है जो वाहनों को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से रिसाइकल कर सकते हैं।

दरअसल, भारत में मौजूदा वाहन स्क्रैपिंग और रिसाइकिल उद्योग असंगठित है और पुराने वाहनों को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से रिसाइकिल नहीं किया जाता है। मौजूदा ईएलवी स्क्रैपिंग चक्र में रिकवरी प्रतिशत काफी कम है और इसकी वजह से कई सामग्रियां बर्बाद हो जाती हैं या ठीक से पुनर्नवीनीकरण नहीं हो पाता है। यह माना जाता है कि भारत में रिकवरी का हिस्सा लगभग 70-75 प्रतिशत है, जबकि खराब हो चुके वाहन से रिकवरी के लिए वैश्विक बेंचमार्क 85-95 प्रतिशत की सीमा में हैं।

केंद्रीय मंत्री गडकरी द्वारा मंगलवार को उद्घाटन किया गया आरवीएसएफ 11,000 वर्गमीटर के क्षेत्र में फैला है और इसे प्रति वर्ष 24,000 वाहनों को संभालने की क्षमता के अनुसार बनाया गया है। इस संयंत्र की स्थापना मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड द्वारा टोयोटा टोयोत्सु समूह के सहयोग से की गई है। कार्यक्रम में गडकरी ने मारुति सुजुकी और टोयोत्सु समूह को बधाई देते हुए अन्य हितधारकों से भी इसी तरह के अत्याधुनिक स्क्रैपिंग और रीसाइक्लिंग केंद्र बनाने के लिए आगे आने का अनुरोध किया है।


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