राष्ट्र ने वाजपेयी को अश्रुपूर्ण विदाई दी
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का शुक्रवार को यहां पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का शुक्रवार को यहां पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस अवसर पर विभिन्न राजनीतिक दलों के कई शीर्ष नेता उपस्थित थे। वाजपेयी का गुरुवार को एम्स में निधन हो गया था। वह 93 वर्ष के थे।
वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता ने वैदिक मंत्रोच्चार और सैनिकों द्वारा 21 बंदूकों की सलामी के बीच उन्हें मुखाग्नि दी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर राष्ट्रीय स्मृति स्थल में महान नेता को अंतिम विदाई दी।
लोग वाजपेयी के आवास कृष्णा मेनन मार्ग पर सुबह से ही इकट्ठे होने लगे थे, जहां उनके पार्थिव शरीर को गुरुवार रात को रखा गया था।
पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को उनके घर से भाजपा मुख्यालय लोगों के दर्शन के लिए लाया गया और यहां उनके पार्थिव शरीर को तीन घंटे तक रखा गया।
पार्टी मुख्यालय से स्मृति स्थल तक उनकी अंतिम यात्रा अपराह्न् एक बजे शुरू होनी थी, लेकिन हजारों समर्थक और प्रशंसक अपने नेता के अंतिम दर्शन के लिए 6-ए दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर इकट्ठा हो गए, जिस वजह से यात्रा में एक घंटे की देरी हो गई।
सैन्य परंपरा के अनुसार, नेताओं द्वारा वाजपेयी के पार्थिव शरीर को पुष्पचक्र अर्पित करने से पहले तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वाजपेयी के पार्थिव शरीर से लिपटे तिरंगे को हटा लिया गया और इसे दत्तक पोती निहारिका को दे दिया गया, जिसके बाद पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों का सौंप दिया गया।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, भाजपा नेता और वाजपेयी के लंबे समय से सहयोगी रहे लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, गृहमंत्री राजनाथ सिह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अंतिम संस्कार के समय मौजूद थे।
इस मौके पर भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली, श्रीलंका के कार्यवाहक विदेश मंत्री लक्ष्मण किरिएल्ला और बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल हसन महमूद अली भी दिवंगत नेता के अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद थे।
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और आनंद शर्मा, लोकसभा के उपाध्यक्ष एम. थंबीदुरई, पूर्व केंद्रीय मंत्री ए.राजा, एमडीएमके प्रमुख वाइको और तृणमूल के नेता दिनेश त्रिवेदी भी महान नेता के अंतिम संस्कार का गवाह बने।
स्मृति स्थल पर जब वाजपेयी के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी गई, कई लोगों ने नम आंखों से 'अटलजी अमर रहें' के नारे लगाए।
इससे पहले हजारों लोग वाजपेयी के पार्थिव शरीर को भाजपा मुख्यालय से स्मृति स्थल लाने के वक्त मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
तीन किलोमीटर लंबे रास्ते से शवयात्रा के गुजरने के दौरान लोगों ने पुष्पवर्षा की। भावुक लोगों ने 'अटलजी अमर रहे', 'जब तक सूरज चांद रहेगा, अटलजी का नाम रहेगा', 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम' के नारे लगाए। कुछ लोग उनके द्वारा लिखी गई कविता की पंक्तियों वाली तख्तियां अपने हाथों में लिए हुए थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनकी अंतिम यात्रा में भाग लिया। इसके अलावा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्रियों ने भी उनके अंतिम संस्कार में भाग लिया।
वाजपेयी का गुरुवार को एम्स में निधन हो गया था। सरकार ने उनके सम्मान में सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।


