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मोदी पहुंचे जापान, नजर अमेरिका के साथ बड़े ऐलान पर

टोक्यो में अमेरिकी राष्ट्रपति एक बड़े समझौते का ऐलान करने वाले हैं, जिसमें शामिल देशों के बारे में अभी पता नहीं है.

मोदी पहुंचे जापान, नजर अमेरिका के साथ बड़े ऐलान पर
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार अल सुबह ट्वीट कर बताया कि वह टोक्यो पहुंच गए हैं. उन्होंने लिखा, "'टोक्यो पहुंच गया हूं. विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेना है जिनमें क्वाड सम्मेलन, साथी क्वाड नेताओं से मुलाकात, जापान के उद्योगपतियों से संवाद और भारतीय समुदाय से मुलाकात शामिल है.” इस बैठक में ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीजी भी शामिल हो रहे हैं, जिन्होंने सोमवार को पद की शपथ ली.

क्वॉड्रिलेटरल डायलॉग, जिसे क्वॉड कहा जाता है, अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान का संगठन है जिसने हाल के दिनों में अपनी गतिविधियां खासी तेज कर दी हैं. दो महीने पहले ही चारों देशों के नेताओं ने एक वर्चुअल बैठक की थी. उससे पहले, फरवरी में चारों विदेश मंत्रियों की मेलबर्न में बैठक हुई थी.

टोक्यो के लिए निकलने से पहले जारी एक बयान में भारत के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बैठक क्वाड गतिविधियों की समीक्षा का मौका होगा. उन्होंने कहा, "हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में घटीं घटनाओं और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे.” मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ होने वाली द्विपक्षीय मुलाकात के बारे में कहा कि हम समकालीन वैश्विक मुद्दों के अलावा दोनों देशों के बीच बहुपक्षीय संबंधों के विकास पर भी चर्चा करेंगे.

एशिया व्यापार समझौते पर नजर

सोमवार को टोक्यो में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन एक नए एशिया व्यापार समझौते का ऐलान करेंगे, जिसका मकसद रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय व्यापार में आई उथल-पुथल जैसी स्थितियों से निपटना होगा. अमेरिका ने कहा है कि नया इंडो-पैसिफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) अमेरिका और एशियाई देशों को ज्यादा सहयोग करने में मदद करेगा और ये अर्थव्यवस्थाएं सप्लाई चेन, डिजिटल ट्रेड, अक्षय ऊर्जा, कामगारों की सुरक्षा और भ्रष्टाचार मुक्त व्यापार जैसे मुद्दों पर काम कर सकेंगी.

यह भी पढ़ेंः चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच तनाव और हथियारों की होड़ का नया दौर

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि इस समझौते की बारीकियों पर अन्य देशों के साथ चर्चा जारी है और कौन-कौन से देश इस समझौते में शामिल होंगे यह ऐलान भी सोमवार को ही किया जाएगा. चूंकि भारतीय प्रधानमंत्री उसी वक्त टोक्यो में मौजूद होंगे इसलिए संभावना जताई जा रही है कि भारत इस समझौते में शामिल हो सकता है, जिसे अमेरिका द्वारा क्षेत्र में चीन को मुकाबला देने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है.

पिछले साल जनवरी में पद संभालने के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन को टक्कर देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें क्वाड को सक्रिय करना भी शामिल है. ब्लूमबर्ग की हाल ही में आई एक रिपोर्ट बताती है कि 2022 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था चीन से ज्यादा तेज गति से विकास करेगी. अमेरिकी की जीडीपी विकास दर इस साल 2.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जाहिर किया गया है जबकि चीन का 2 प्रतिशत.

अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जेक सलिवन ने कहा, "1976 के बाद पहली बार अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार चीन से तेज होगी, यह इस बात की बड़ी मिसाल है कि क्षेत्र के लोगों को किस तरह संभावनाओं और चलन के बारे में सोचना चाहिए.”

भारत-जापान संबंध

अपनी दो दिवसीय यात्रा में भारतीय प्रधानमंत्री ने खासा समय जापान के साथ संबंधों की बेहतरी पर खर्च करने की योजना बनाई है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि वह जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा के न्योते पर जापान जा रहे हैं, जिन्होंने मार्च में ही भारत का दौरा किया था.

मोदी ने कहा, "भारत और जापान के बीच आर्थिक सहोयग हमारी विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझीदारी का महत्वपूर्ण पहलू है. मार्च में हुए भारत-जापान सम्मेलन में प्रधानमंत्री किशिदा और मैंने अगले पांच साल में जापान द्वारा निजी व सार्वजनिक भागीदारियों के जरिए भारत में पांच खरब जापानी येन (करीब 30 खरब रुपये) के निवेश का ऐलान किया था. इस यात्रा में मैं हमारे देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और बढ़ाने के मकसद से जापान के व्यापार जगत के नेताओं से मिलूंगा.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों से भी संवाद करेंगे. जापान में भारतीय मूल के लगभग 40 हजार लोग रहते हैं.


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