अन्तिम दर्शन के लिये लखनऊ लाया गया नारायण दत्त तिवारी का पार्थिव शरीर
उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे दिग्गज राजनेता नारायण दत्त तिवारी का पार्थिव शरीर अन्तिम दर्शन के लिये आज नई दिल्ली से राजधानी लखनऊ में लाया गया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे दिग्गज राजनेता नारायण दत्त तिवारी का पार्थिव शरीर अन्तिम दर्शन के लिये आज नई दिल्ली से राजधानी लखनऊ में लाया गया।
तिवारी का गत गुरुवार को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। वह 93 वर्ष के थे। वह लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। तिवारी का अंतिम संस्कार रविवार को हल्द्वानी में राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेेश शर्मा शनिवार श्री तिवारी का पार्थिव शरीर लेकर करीब 12 बजे अमौसी हवाई अड्डे पहुंचे। हवाई अड्डे पर जवानों ने गार्ड आॅफ ऑनर दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुण जोशी, स्वाति सिंह के अलावा मंत्रिमडल के कई सहयोगियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर समाजवादी पार्टी(सपा) के अखिलेश यादव ने भी श्री तिवारी को श्रद्धांजलि दी। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए लखनऊ स्थित विधानभवन मेें रखा गया। रविवार को उनका पार्थिव शरीर हल्द्वानी ले जाया जायेगा जहां उनका अन्तिम संस्कार किया जायेगा। श्री तिवारी के पार्थिव शरीर के साथ पत्नी उज्ज्वला तिवारी और पुत्र रोहित शेखर भी आये थे।
तिवारी के सम्मान में उत्तर प्रदेश सरकार ने 20 तथा 21 अक्टूबर को दो दिन का तथा उत्तराखंड में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। शनिवार को उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालय तथा स्कूल कालेज बंद रहे।
उत्तराखंड में 17 अक्टूबर 1925 को नैनीताल जिले के बलोती गांव में जन्मे श्री तिवारी उत्तर प्रदेश के तीन बार और उत्तराखंड के एक बार मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा वे आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। उनके परिवार में उनकी पत्नी उज्ज्वला तिवारी और पुत्र रोहित शेखर हैं।
भारत छोड़ो आंदोलन में जेल जाने वाले श्री तिवारी ने आजादी के बाद प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से अपना राजनीति करियर शुरू किया था। वह बाद में कांग्रेस के प्रमुख नेता बने और देश के पहले एेसे राजनीतिज्ञ हुए जिन्हें दो राज्यों के मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त हुआ है। उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर तिवारी कांग्रेस की भी स्थापना की थी।
विकास पुरूष के तौर पर अपनी अनूठी पहचान दर्ज कराने वाले उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी काे निवेश के जरिये राजस्व बढ़ाने की महारथ हासिल थी। दोनो ही राज्यों में विकास की रफ्तार को बढाने में उनका योगदार अविस्मरणीय रहा है। उन्होने विकास पुरुष के तौर पर अपनी छवि बनायी और शोहरत हासिल की थी। उन्होने अपने मुख्यमंत्री रहते प्रदेश के विकास को नई दशा-दिशा दी।
एनसीआर में शामिल उत्तर प्रदेश का न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट अथॉरिटी (नोएडा) की कल्पना उन्ही की देन थी। इसकी स्थापना भी उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में की थी। नोएडा आज राज्य का सबसे अधिक राजस्व देने वाला क्षेत्र है। तिवारी ने मुख्यमंत्री रहते उत्तराखंड में अनेक उद्योगपियों को आमंत्रित किया और उद्योगों की स्थापना की।


