नकवी ने की रमजान के दौरान घरों में इबादत करने की अपील
नकवीः कोरोना की चुनौती को ध्यान में रखकर देश के सभी मन्दिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, चर्चों और अन्य धार्मिक स्थलों पर होने वाले धार्मिक कार्यक्रम पूरी तरह रोक दिये गये हैं।

नयी दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के कहर को ध्यान में रखते हुए 24 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान के पवित्र महीने के दौरान मुसलमानों से लॉकडाउन से जुड़े दिशा-निर्देशों और सोशल डिस्टेंन्सिंग का पूरी ईमानदारी से पालन करते हुए अपने-अपने घरों पर ही इबादत करने की अपील की है।
नकवी ने आज एक बयान जारी कर बताया कि उन्होंने विभिन्न धर्मगुरुओं, सामाजिक-धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों, राज्य वक्फ बोर्ड के अधिकारियों-पदाधिकारियों से बात करने के बाद उनसे अपील की है कि धार्मिक-सामाजिक संगठन एवं धर्मगुरु यह सुनिश्चित करें कि रमजान के महीने में मस्जिदों एवं अन्य धार्मिक स्थलों की जगह लोग अपने-अपने घरों पर रमजान की धार्मिक जिम्मेदारियों को पूरा करें।
उन्होंने बताया कि सेंट्रल वक्फ कौंसिल के माध्यम से सभी राज्य वक्फ बोर्डों को निर्देशित किया गया है कि रमजान के पवित्र महीने में लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराये, किसी भी तरह से किसी भी धार्मिक स्थल पर लोगों के इकट्ठा होने से रोकने के प्रभावी उपाय करने होगें, सभी धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों एवं लोगों को, स्थानीय प्रशासन की इस कार्य में मदद लेनी एवं देनी चाहिए।
नकवी ने कहा कि 08-09 अप्रैल को शब-ए-बारात के पवित्र मौके पर राज्य वक्फ बोर्डों के प्रो-एक्टिव प्रयासों और सामाजिक एवं धार्मिक लोगों के सकारात्मक कोशिशों से भारतीय मुसलमानों ने शब-ए-बारात के मौके पर अपने घरों पर ही इबादत और अन्य धार्मिक कार्यों को पूरा किया। शब-ए-बारात पर भारतीय मुसलमानों ने कोरोना के कहर को ध्यान में रखकर लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंन्सिंग का जिस ईमानदारी के साथ पालन किया वह सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौती को ध्यान में रखकर देश के सभी मन्दिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, चर्चों और अन्य धार्मिक स्थलों पर होने वाले धार्मिक कार्यक्रम पूरी तरह रोक दिये गये हैं। लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंन्सिंग का प्रभावी ढ़ंग से पालन किया जा रहा है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हिन्दुस्तान में भी लाखों मस्जिद, दरगाहें, इमामबाड़े, ईदगाहे, मदरसे और अन्य धार्मिक स्थल हैं जहाँ रमजान के पवित्र महीने में इबादत, तराबी, इफ़्तार आदि आयोजित होते हैं, जहां बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने की परम्परा रही है लेकिन कोराेना के कहर के चलते देश भर में लॉकडाउन, कर्फ्यू, सोशल डिस्टेंन्सिंग के दिशा-निर्देश केन्द्र एवं सभी राज्यों सरकारों द्वारा लागू किये गए हैं।
नकवी ने कहा कि राज्य वक्फ बोर्डों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों एवं अन्य बुद्धिजीवियों को घरों में ही रहकर सोशल डिस्टेंन्सिंग का पालन करते हुए रमजान की सभी धार्मिक कार्यों को पूरा करने हेतु लोगों में जागरुकता पैदा करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए, ऐसा प्रयास केवल मस्जिदों एवं धार्मिक स्थलों में ही नहीं बल्कि अन्य सार्वजनिक-व्यक्तिगत स्थलों पर भी सुनिश्चित करने की जरूरत है।
नकवी ने कहा,“ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंन्सिंग का देश गम्भीरता से पालन कर रहा है। किसी भी तरह की लापरवाही हमारे परिवार, पूरे समाज और मुल्क के लिए परेशानी बढ़ा सकती है। हमें कोरोना के कहर को शिकस्त देने की हर मुहिम, दिशा-निर्देशों का गम्भीरता और पूरी ईमानदारी से पालन करना चाहिए।”


