ननकाना साहिब की घटना जिन्ना के डायरेक्ट एक्शन का विस्तार: भाजपा
शुक्रवार को ननकाना साहिब पर हमला कायरतापूर्ण एवं निदंनीय है।

नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पाकिस्तान में गुरुनानक देव के जन्म स्थान ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर मुस्लिम जिहादियों के हमले को मोहम्मद अली जिन्ना के ‘डायरेक्ट एक्शन’ के आदेश का विस्तार करार देते हुए आज कड़ी भर्त्सना की और कांग्रेस एवं वामदलों की चुप्पी पर हैरानी जताते हुए कहा कि इससे भारत के नागरिकता संशोधन कानून की सार्थकता एवं जरूरत भी साबित हुई है।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ और प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में शाहीन बाग और केरल की विधानसभा में बैठे लोगों को समझ में आ जाना चाहिए कि नागरिकता संशोधन विधेयक क्यों ज़रूरी है।
श्रीमती लेखी ने कहा कि शुक्रवार को ननकाना साहिब पर हमला कायरतापूर्ण एवं निदंनीय है। वह पाकिस्तान सरकार से जानना चाहती हैं कि सिखों एवं उनके पवित्र स्थान की रक्षा के लिए वे क्या कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को भी मानवाधिकारों की बात करने से पहले देखना चाहिए कि पाकिस्तान का नज़ारा क्या है। वहां किस प्रकार से अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों काे अगवा करके उनका जबरन धर्मपरिवर्तन करके निकाह कराया जाता है। उन्हें दाह संस्कार करने का अधिकार नहीं है। ऐसे में उनके पास देश छोड़कर भारत आने के अलावा कोई उपाय नहीं है।
उन्होंने कहा कि ननकाना साहिब की घटना पाकिस्तान में 1947 में उसके संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के हिन्दुओं एवं सिखों के जनसंहार के लिए डायरेक्ट एक्शन के आदेश का विस्तार मात्र है। इससे साबित हो गया कि भारत ने नागरिकता संशोधन कानून बना कर सही समय पर ठीक काम किया है। उन्होंने कहा कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों, केरल की विधानसभा में बैठे लोगों, कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों के नेता ननकाना साहिब की घटना पर चुप बैठे हैं। श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी और श्रीमती प्रियंका गांधी की आंखों में आंसू क्यों नहीं आये। उन्होंने पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और राज्य के कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की चुप्पी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “सिद्धू साहब कित्थों नाट गए हैं?”
श्री राहुल गांधी द्वारा ननकाना साहिब की घटना का जवाब प्यार एवं परस्पर सम्मान बताये जाने पर श्रीमती लेखी ने पलट कर पूछा कि श्री गांधी ने पहले श्री सिद्धू को पाकिस्तान भेजा था, उन्होंने वहां के सेना प्रमुख को गले लगाया, लेकिन उसका नतीजा क्या हुआ, क्या ननकाना साहिब पर हमला रुका। आखिर कसाई को भाई कैसे बनायें।
श्री तरुण चुघ ने कहा कि दुनिया भर के सिखों एवं पंजाबियों के लिए ननकाना साहिब सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान है। वहां कल गुरूद्वारे में श्रद्धालु थे और बाहर जिहादियों की भीड़ थी। जिहादियों ने जिस तरह की धमकियां दीं उसे दुनिया ने देखा है। उसी महान गुरुद्वारे के ग्रंथी की पुत्री का अपहरण करके जबरन धर्मपरिवर्तन कराया गया और निकाह करा दिया गया।
उन्होंने भारत सरकार की ओर से जारी बयान की सराहना करते हुए कहा कि विभाजन के समय पंजाब एवं बंगाल के लोगों ने सबसे ज़्यादा बलिदान दिया था। बीस लाख लोग मारे गये थे और एक करोड़ 45 लाख लोग विस्थापित हुए थे। उस समय दोनों देशों की सरकारों ने जिम्मेदारी ली थी कि वे अपने देशों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करेंगी। लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं हुआ। ननकाना साहिब की घटना उसी फिल्म का ट्रेलर है जो 70 साल से चल रही है। ईशनिंदा के नाम पर अल्पसंख्यकों को फांसी पर लटकाया जा रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश में ऐसी घटनाएं रोकने की बजाय बंगलादेश के पुराने वीडियो सोशल मीडिया में दिखाकर भारत को झूठा बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें बताना चाहिए कि वह ये वीडियो कहां से लाये।
श्री चुघ ने कहा कि बाटला हाउस मुठभेड़ के समय आंसू बहाने वाली श्रीमती सोनिया गांधी के आंसू सूख गये हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन सिंह की चीख क्यों नहीं निकली। श्री राहुल गांधी, श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा, सुश्री ममता बनर्जी, शहरी नक्सली सब चुप हैं। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामपंथियों की वही भाषा, आक्रामक रुख एवं नज़रिया वही है जो जिहादियों एवं तालिबानियों का है।
उन्होंने कहा कि इसी वजह से भाजपा ने 2014 के पहले तालिबानियों जिहादियों के उत्पीड़न से तंग आकर आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए कानून बनाया। विपक्षी नेताओं को अब तो समझ में आ जाना चाहिए कि दमन करने वालों और दमन झेलने वालों में क्या फर्क है। उन्हें क्यों एक समान दृष्टि से नहीं देखा जा सकता है।


