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नांदेड़: कांग्रेस की जबरदस्त जीत, विपक्ष को झटका

कांग्रेस ने शुक्रवार को नांदेड़-वाघला महानगर पालिका (एनडब्ल्यूसीएमसी) की 81 सीटों में से 73 पर जीत दर्ज कर विपक्ष को करारा झटका दिया।

नांदेड़: कांग्रेस की जबरदस्त जीत, विपक्ष को झटका
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नांदेड़। कांग्रेस ने शुक्रवार को नांदेड़-वाघला महानगर पालिका (एनडब्ल्यूसीएमसी) की 81 सीटों में से 73 पर जीत दर्ज कर विपक्ष को करारा झटका दिया। एनडब्ल्यूसीएमसी महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का गढ़ माना जाता है। यहां बुधवार को चुनाव हुए थे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छह सीटें मिली हैं, जबकि शिवसेना और एक निर्दलीय उम्मीदवार को एक-एक सीटों से संतोष करना पड़ा।

कांग्रेस न सिर्फ एनडब्ल्यूसीएमसी पर ही कब्जा जमाने में कामयाब रही, बल्कि 2012 में हुए चुनाव के मुकाबले पार्टी का जनाधार भी मजबूत हुआ है। कांग्रेस ने 2012 में सिर्फ 41 सीटें ही जीती थीं।

इस जीत से गदगद चव्हाण ने संवाददाताओं को बताया, "नांदेड़ में इस जीत से कांग्रेस की महाराष्ट्र में वापसी हुई है, जबकि भाजपा की रवानगी यात्रा शुरू हो चुकी है। कांग्रेस ने ग्राम पंचायत चुनाव और अब इन चुनावों में मिली जीत से भाजपा का सुपड़ा साफ कर दिया है।"

चव्हाण ने इस जीत का श्रेय जनता को देते हुए कहा कि लोगों ने कांग्रेस के विकास एजेंडे पर पूरा विश्वास दिखाया है और भाजपा की विभाजित करने की राजनीति को सिरे से खारिज कर दिया है।

ऑल इंडिया मजलिस ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) कांग्रेस की इस जबरदस्त जीत से खुश है। हालांकि एआईएमआईएम को भी इस मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है।

एआईएमआईएम ने अल्पसंख्यकों और दलित मतदाताओं के समर्थन का दावा किया था, लेकिन परिणामों ने पार्टी के इस दावे को खारिज कर दिया।

राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के अधिकारी ने बताया कि कांग्रेस की साझेदार पार्टी नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी।

साल 2012 में कांग्रेस को 41, शिवसेना को 14, एमआईएमआईएम को 11, एनसीपी को 10, भाजपा को दो और निर्दलीय उम्मीदवरों को तीन सीटें मिली थीं।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सहयोगी पार्टी महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी के अध्यक्ष नारायण राणे नांदेड़ में हार को लेकर भाजपा-शिवसेना की आलोचना करने से नहीं चूके।

राणे ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, "मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने व्यक्तिगत तौर पर कई रैलियां कीं। लेकिन उन्हें यह मिला? उनके नेतृत्व को आत्म विश्लेषण करना चाहिए।"

2017 के ये नतीजे भाजपा, शिवसेना, एनसीपी और एआईएमआईएम के लिए झटके साबित हुए हैं।भाजपा प्रवक्ता माधव भंडारी ने इस जीत को अशोक चव्हाण की जीत बताया है न की कांग्रेस की जीत।

शिवसेना की प्रवक्ता नीलम गोरखे ने कहा कि ये नतीजे भाजपी की नीतियों को लेकर लोगों का गुस्सा दर्शाते हैं और यह फडणवीस के लिए झटके से कम नहीं है।


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