एनएएल ने कोरोना से बचाव के लिए बनाया सस्ता सूट
डॉ. जितेंद्र जे. जाधव - ये सूट निजी बचाव वाले मौजूदा सूटों की तुलना में काफी सस्ते हैं।

नयी दिल्ली। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् की राष्ट्रीय वैमानिकी प्रयोगशाला (एनएएल) ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ की लड़ाई में सीधे संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के बचाव के लिए एक किफायती ‘कवरऑल सूट’ विकसित किया है।
एनएएल के निदेशक डॉ. जितेंद्र जे. जाधव ने बताया कि ये सूट निजी बचाव वाले मौजूदा सूटों की तुलना में काफी सस्ते हैं। इनके निर्माण में आयातित सामान का इस्तेमाल काफी कम हुआ है। बेंगलुरु स्थित वैमानिकी प्रयोगशाला ने स्थानीय कंपनी एमएएफ क्लोदिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर इसे तैयार किया है। इसके निर्माण के लिए पॉलीप्रोपाइलिन का इस्तेमाल किया गया है। कोविड-19 के मरीजों के उपचार एवं देखभाल में लगे डॉक्टरों, नर्सों, पैरा मेडिकल तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की जरूरतों को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया गया है।
एनएएल के डॉ. हरीश बर्शिलिया तथा डॉ. हेमंत कुमार शुक्ला और एमएएफ क्लोदिंग के एम.जे. विजू के नेतृत्व में प्रयोगशाला की एक टीम ने इस सूट को तैयार किया है। इस सूट का ट्रायल पूरा हो चुका है। चार सप्ताह में इसका उत्पादन बढ़ाकर 30 हजार सूट रोजाना करने की योजना है।


