गैर भाजपा और गैर कांग्रेस सभी को एकजुट करने में नायडू
नायडू ने बताया कि केंद्र में मोदी सरकार के शासन में लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता खतरे में हैं और देश को बचाने के तहत मैने एक प्रयास किया

नयी दिल्ली। तेलुगु देशम् पार्टी (तेदेपा) प्रमुख और आँध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आगामी लोकसभा चुनाव में गैर भाजपा-गैर कांग्रेस दलों को एक मंच पर लाने के प्रयास में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, लोकतांत्रिक जनता दल (यू) प्रमुख शरद यादव और जम्मू-कश्मीर नेशनल फ्रंट के नेता फारुक अब्दुल्ला से आज यहाँ मुलाकात की।
उन्होंने कहा “मुझे पता है कि मेरे राज्य में मात्र 25 लोकसभा सीटें हैं जबकि देश भर में 540 सीटें हैं। इसलिए, सभी दलों को एकजुट करने के लिए मैं विभिन्न दलों से मिला हूँ। सबमें सहमति है।”
तेदेपा प्रमुख ने कहा कि कुछ दल चुनाव से पहले साथ आयेंगे जबकि कुछ अन्य दल चुनाव के बाद साथ आयेंगे क्योंकि उन पर अभी केंद्र सरकार का भारी दबाव है।
सरकार गठन की संभावना बनने पर किसी मुख्य राजनीतिक दल के साथ जाने से परहेज नहीं होने का संकेत देते हुये उन्होंने कहा, “भारत में कुछ राजनीतिक और वैचारिक मजबूरियाँ हैं। हमें पता है कि केंद्र में सरकार बनाने के लिए हमें किसी न किसी मुख्य राजनीतिक दल का साथ देना होगा।”
उन्होंने कहा कि देश के लोकतांत्रिक इतिहास में मुख्य राजनीतिक दलों से अलग अब तक पाँच प्रयोग हुये हैं। यह साबित हो चुका है कि पूर्ण बहुमत वाली सरकारों की तुलना में गठबंधन की सरकारें बेहतर बदलाव और विकास कार्य करती हैं।
उनका प्रयास देश के समग्र हित में सभी क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने का है।
नायडू ने आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल तथा यादव से आज सुबह आँध्र भवन में मुलाकात की। यह बैठक करीब आधे घंटे चली। इसके बाद शाम को वह अब्दुल्ला और मायावती से उनके राष्ट्रीय राजधानी स्थित आवासों पर मिले।


