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नायडू ने नक्सलियों से बंदूक छोड़ने और लोकतंत्र के रास्ते पर चलने का आव्हान किया

 नायडू ने पांच दिवसीय राज्योत्सव का शुभारंभ करने के बाद आयोजित समारोह को कल रात यहां सम्बोधित करते हुए कहा कि ’बुलेट’ से ज्यादा ताकत ’बैलेट’ (मतपत्र) में होती है।

नायडू ने नक्सलियों से बंदूक छोड़ने और लोकतंत्र के रास्ते पर चलने का आव्हान किया
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रायपुर। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने नक्सलियों से बंदूक छोड़ने और राज्य, देश तथा समाज की बेहतरी के लिए लोकतंत्र के रास्ते पर चलने का आव्हान किया है।

नायडू ने पांच दिवसीय राज्योत्सव का शुभारंभ करने के बाद आयोजित समारोह को कल रात यहां सम्बोधित करते हुए कहा कि ’बुलेट’ से ज्यादा ताकत ’बैलेट’ (मतपत्र) में होती है। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने नक्सलियों से बंदूक छोड़ने और राज्य, देश तथा समाज की बेहतरी के लिए लोकतंत्र के रास्ते पर चलने का आव्हान किया है।

उन्होने कहा कि किसी भी देश में हिंसा से कोई क्रांति नहीं हो सकती। इसलिए नक्सलवादियों को अपनी भ्रांति से बाहर निकलकर मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए।

उन्होने कहा कि नक्सल हिंसा की गंभीर चुनौती के बावजूद छत्तीसगढ़ ने विगत 17 वर्षों में सामाजिक-आर्थिक विकास के सभी क्षेत्रों में सराहनीय सफलताएं हासिल की हैं। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह और प्रदेश सरकार को बधाई और शुभकामनाएं दी।उन्होने कहा कि नक्सल हिंसा की वजह से प्रदेश के कुछ इलाकों में विकास प्रभावित हो रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार इन इलाकों के शांतिपूर्ण विकास और वहां की जनता की बेहतरी के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही है, जिसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं।

नायडू ने कहा कि गरीबी उन्मूलन और भ्रष्टाचार उन्मूलन के साथ-साथ हम सबको सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास पर ध्यान देना होगा। छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की तरक्की सबके लिए प्रेरणादायक है। थोड़े ही समय में इस राज्य ने पूरे देश में सबसे तेज गति से विकसित हो रहे राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है।


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