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नागेश्वर राव ने आय से ज्यादा संपत्ति के आरोप किए खारिज

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव ने मीडिया के एक वर्ग में आयी उन रिपोर्टों को पूरी तरह से गलत बताया है

नागेश्वर राव ने आय से ज्यादा संपत्ति के आरोप किए खारिज
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नई दिल्ली। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव ने मीडिया के एक वर्ग में आयी उन रिपोर्टों को पूरी तरह से गलत बताया है जिनमें उनके परिवार पर आय से अधिक संपत्ति रखने तथा निवेश में अनियमितताएं बरतने के आरोप लगाये गये हैं।

श्री राव ने आज यहां जारी एक वक्तव्य में कहा कि उनकी पत्नी द्वारा किये गये निवेश में कोई अनियमितता नहीं की गयी और लेनदेन के दौरान सक्षम अधिकारी को उसके संबंध में सूचित किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपनी संपत्ति के वार्षिक विवरण में सभी बातों का उल्लेख किया है।

उनकी पत्नी द्वारा एक निजी कंपनी से ऋण लिये के मामले में सिलसिलेवार ब्योरा देते हुए श्री राव ने कहा कि एंजिला मर्केन्टाइल्स प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता से उनकी पत्नी सितंबर 2010 में 25 लाख रुपए का ऋण लिया था। यह कंपनी उनके दोस्त प्रवीण अग्रवाल की थी और यह राशि आंध्र प्रदेश के गुंटूर में संपत्ति खरीदने के लिए ली गयी थी।

उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी ने अपने रिश्ते के भाई डॉ. के रत्नबाबू के साथ मिल कर गुंटूर में सितंबर 2010 में संपत्ति खरीदी थी। डॉ. रत्नबाबू एक जाने माने ऑर्थोपैडिक सर्जन हैं।

श्री राव के अनुसार सितंबर 2011 में उनकी पत्नी ने विरासत में मिली कृषियोग्य भूमि में से 5.12 एकड़ बेचकर 30 लाख 72 हजार रुपए अर्जित किये। अक्टूबर 2011 में उन्होंने 6.05 एकड़ ऐसी ही ज़मीन 27 लाख 90 हजार रुपए में बेची। इस तरह उन्हें जमीन बेचने से कुल 58 लाख 62 हजार रुपए मिले। इसके साथ अपनी निजी बचत के एक लाख 38 हजार रुपए मिला कर उनकी पत्नी ने 60 लाख रुपए एंजिला मर्केंटाइल प्राइवेट लिमिटेड को भेजे। कंपनी ने इसमें से ऋण की राशि काट कर बाकी 35 लाख रुपए निवेश के रूप में अपने पास रख लिये।

श्री राव ने कहा कि जुलाई 2014 में कंपनी ने उनकी पत्नी को छह लाख 33 हजार रुपए के ब्याज समेत 41 लाख 33 हजार रुपए लौटा दिये। उस समय सक्षम अधिकारी को इसकी उचित जानकारी दे दी गयी थी। इसलिए अज्ञात स्रोतों से आय से अधिक धन होने का सवाल ही नहीं उठता है। इस संबंध में जो भी रिपोर्ट आयीं हैं, वे पूरी तरह से असत्य एवं गलत हैं।

ओडिशा कैडर के 1986 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्री राव को गत सप्ताह सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाया गया था।


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