तीर्थनगरी प्रयागराज में नागपंचमी धूमधम से मना
तीर्थराज प्रयाग में एक तरफ जहां नागपंचमी की धूम रही वहीं सावन के तीसरे सोमवार को अपने आराध्य देवाधिदेव भोलेनाथ को जलाभिषेक करने के लिये मंदिरों श्रद्धालुओ को तांता लगा

प्रयागराज। तीर्थराज प्रयाग में एक तरफ जहां नागपंचमी की धूम रही वहीं सावन के तीसरे सोमवार को अपने आराध्य देवाधिदेव भोलेनाथ को जलाभिषेक करने के लिये मंदिरों श्रद्धालुओ को तांता लगा रहा।
धार्मिक ग्रंथों में नागपंचमी के दिन भगवान शिव के साथ नाग देवता की पूजा का विधान बताया गया है। नाग पंचमी त्यौहार तो सदियों से मनाया जाता रहा है। घरों और शिवालयो में नाग देवता का पूजन विधिविधान से किया गया।
प्रयागराज शिवमय हो गया जब चारों तरफ ‘ऊं नम: शिवाय, हर-हर बम-बम’ के साथ मंदिरों में घंटे और घड़ियालों की गूंज सुनायी पड़ रही है।
नागपंचमी के मौके पर नगर के चौक स्थित व्यायामशाला, भारद्वाज पार्क के सामने स्थित व्यायामशाला, हनुमत निकतन व्यायामशाला, अल्याणी देवी अखाड़, दारागंज स्थित अखाडा समेत कई व्यायामशालाओं में कुश्ती का आयोजन किया गया है।गंगा
तट पर स्थित नाग वासुकी मंदिर को फूलों से सजाया गया है।
नगर के मनकामेश्वर, नागवासुकि मंदिर, दरवेश्वर महादेव, ललिता देवी सिद्धपीठ में पारदेश्वर महादेव,, शिवकोटि महादेव, हनुमत निकेतन के ज्यार्तिलिंग,बलुआघाट स्थित शिव मंदिर, कोटेश्वर महादेव में जिलाभिषेक के लिए श्रद्धालु हाथ में गंगा जल, विल्पव पत्र, मदार, धतूर, पुष्प के साथ कतारबद्ध अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हुए मन में शिव स्त्रोत, ऊं नम: शिवाय या शिव को अन्य नामों से स्मरण कर रहा है। लोगों ने कई शिवालयों में रूद्राभिषेक भी किया।


