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​​​​​​​ एम्स चिकित्सकों का एनएमसी विधेयक पर नड्डा को खुली बहस का निमंत्रण

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक पर अपने विरोध को जारी रखते हुए एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने जे.पी.नड्डा को इस मुद्दे पर खुली बहस के लिए आमंत्रित किया

​​​​​​​ एम्स चिकित्सकों का एनएमसी विधेयक पर नड्डा को खुली बहस का निमंत्रण
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक पर अपने विरोध को जारी रखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा को इस मुद्दे पर खुली बहस के लिए आमंत्रित किया। एसोसिएशन ने कहा कि एनएमसी विधेयक देश में भविष्य की चिकित्सा शिक्षा को गंभीर रूप से बिगाड़ देगा। एसोसिएशन ने संसद द्वारा विधेयक को मंजूरी देने से पहले इस पर चर्चा करने की माग की।

आरडीए अध्यक्ष हरजीत सिंह ने एक पत्र में नड्डा से कहा, "जिस दिन आप ने (नड्डा) संसद में एनएमसी विधेयक पेश किया, चिकित्सक बिरादरी तभी से डरी हुई है..यह विधेयक जन विरोधी, गरीब विरोधी है और यह चिकित्सा शिक्षा को धनाड्य व शक्तिशाली लोगों के हाथों में सौंपता है।"

पत्र में कहा गया है, "एनएमसी के ज्यादातर सदस्यों का नामांकन नौकरशाहों व राजनेताओं के नाम होने, 60 फीसदी से ज्यादा सीटों पर फीस तय करने का नियंत्रण कॉरपोरेट सेक्टर को देने, राष्ट्रीय लाइसेंसधारी परीक्षा (एनएलई), छात्रों की शिकायत निवारण का कोई प्रावधान नहीं होना, एनबीई, ब्रिज कोर्स रजिस्ट्रेशन, व अन्य दूसरे बिंदु ऐसे मुद्दे हैं जो भविष्य में देश की चिकित्सा शिक्षा को नष्ट करने के लिए पर्याप्त हैं।"

उन्होंने कहा, "इस वजह से आरडीए एम्स आपको इन सभी मुद्दों पर एम्स के चिकित्सकों के साथ खुली चर्चा के लिए आमंत्रित करता है।"एसोसिएशन ने अपने 15 जनवरी को लिखे पत्र में बहस के लिए मंत्री से समय मांगा है।

एनएमसी विधेयक के दिसंबर अंत में लोकसभा में रखे जाने के बाद से चिकित्सा बिरादरी व भारतीय चिकित्सा संघ ने विरोध प्रदर्शन किया था।आईएमए ने एनएमसी विधेयक के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन के लिए निजी अस्पतालों में 12 घंटे के बंद का आह्वान भी किया था।


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