Top
Begin typing your search above and press return to search.

नड्डा ने विधानसभा चुनाव के लिए दलित नेताओं को दिए टिप्स कि चुनाव कैसे जीतें

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों पर नजर रखते हुए जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एकत्र हुए दलित नेताओं को टिप्स दिए कि चुनाव कैसे जीतें

नड्डा ने विधानसभा चुनाव के लिए दलित नेताओं को दिए टिप्स कि चुनाव कैसे जीतें
X

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों पर नजर रखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एकत्र हुए दलित नेताओं को टिप्स दिए कि चुनाव कैसे जीतें। मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं- जनधन योजना, अंत्योदय, शौचालय, आवास, शिक्षा, उज्‍जवला, आयुष्मान भारत, गांवों को बिजली से जोड़ने के अभियान, प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना, मुद्रा ऋण आदि का जिक्र करते हुए नड्डा ने दावा किया कि इसके लिए देश में पहली बार सरकार बाबासाहेब अंबेडकर के दिखाए सही रास्ते पर चल रही है।

नड्डा ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 7 वर्षो में समाज के दलित सदस्यों के लिए जो काम किया है, वह पिछली सरकारें 70 साल में भी नहीं कर सकीं।

उत्तर प्रदेश में दलित मतदाताओं की संख्या को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बुलाई गई भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक का वर्चुअल शुभारंभ करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि "मोदी सरकार ने दलितों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। दलितों का हित पिछली किसी सरकार ने कभी नहीं किया।" उन्होंने कार्यकर्ताओं से आंकड़ों के साथ तथ्यों को सीधे दलित मतदाताओं तक ले जाने को कहा।

नड्डा ने विपक्षी दलों पर दलितों को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया है और भाजपा उनका केवल सम्मान करती है।

उत्तर प्रदेश में ओबीसी वोटरों के बाद दलित वोटरों की संख्या बहुत ज्यादा है। यूपी विधानसभा की 403 सीटों में से 84 सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। राज्य में दलित मतदाताओं की आबादी लगभग 21 प्रतिशत है और इसमें से आधे से अधिक जाटव हैं - लगभग 54 प्रतिशत। राज्य के 42 जिलों में दलित मतदाताओं की आबादी 21 फीसदी से ज्यादा है। पिछले तीन विधानसभा चुनावों के इतिहास से पता चलता है कि जिस राजनीतिक दल को आरक्षित सीटों में से अधिक सीटें मिलीं, वह दलित वोटों के कारण।

भाजपा वाराणसी में एससी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर एक बार फिर राज्य के दलितों का दिल जीतना चाहती है। दो दिवसीय बैठक में भाजपा इस बात पर रणनीति बनाएगी कि उत्तर प्रदेश के दलितों को सरकार के कामों के बारे में कैसे बताया जाए और उन्हें विभिन्न योजनाओं से कैसे फायदा हुआ है। दलितों को न सिर्फ सरकार की योजनाओं की जानकारी दी जाएगी, बल्कि इससे बसपा और सपा समेत अन्य विपक्षी दलों के खोखले वादों का भी पदार्फाश होगा। बैठक में दलित कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे दलित मतदाताओं के पास जाएं और उन्हें बताएं कि उनका सम्मान और हित भाजपा के पास सुरक्षित है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it