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नवाज शरीफ की जमानत के खिलाफ एनएबी की अपील खारिज

भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था ने आईएचसी के आदेश को बाद में शीर्ष अदालत में चुनौती दी

नवाज शरीफ की जमानत के खिलाफ एनएबी की अपील खारिज
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने आज एवनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज और दामाद मोहम्मद सफदर की जेल की सजा को निलंबित करने के खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया। लंदन के एवनफील्ड हाउस में शरीफ द्वारा चार फ्लैट खरीदने के संदर्भ में जुलाई 2018 में जवाबदेही अदालत ने शरीफ, मरियम और सफदर को क्रमश: 10, सात और एक साल जेल की सजा सुनाई थी।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने सितंबर में उनकी सजा को निलंबित कर उन्हें जमानत दे दी थी और कहा था कि देश की भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था एनएबी शरीफ और विवादित अपार्टमेंट के बीच वित्तीय संबंध को साबित करने में असफल रही।

भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था ने आईएचसी के आदेश को बाद में शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।

प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सोमवार को आईएचसी के फैसले को बरकरार रखा और शरीफ की जमानत को वापस लेने के एनएबी के अनुरोध को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था जमानत को खारिज करने के लिए आधार मुहैया कराने में विफल रही।

पीठ ने यह भी कहा कि आईएचसी ने एवनफील्ड मामले के दोषियों को जमानत देने में अपने अधिकार क्षेत्र को पार नहीं किया।

न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा ने कहा, "नवाज शरीफ पहले से ही सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने जमानत का दुरुपयोग नहीं किया और वह सुनवाई के लिए निचली अदालत में नियमित रूप से पेश हो रहे हैं..हमें संविधान का पालन करना है और हमें सुनिश्चित करना है कि न्याय हो।"

आसिफ इस महीने के अंत में देश के अगले प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे।

उन्होंने कहा, "पीठ उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी और राहत अस्थायी रूप से प्रदान की गई है।"


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