म्यांमार की सेना ने रोहिंग्या के खिलाफ हिंसा को नकारा
म्यांमार की सेना ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा कि सुरक्षा बलों के द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ बलात्कार और हत्याओं के सभी आरोप बेबुनियाद है

यांगून। म्यांमार की सेना ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा कि सुरक्षा बलों के द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ बलात्कार और हत्याओं के सभी आरोप बेबुनियाद है।
रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ अभियान के आरोप में हाल में रखाइन प्रांत के मेजर जनरल को हटाया गया है। सेना के द्वारा चलाये गये अभियान के बाद छह लाख से अधिक रोहिंग्या अपनी जान बचाकर बंगलादेश आये हैं।
म्यांमार सशस्त्रबलों के कमांडर इन चीफ जनरल मिन आंग हलांग के फेसबुक पर भी सेना की रिपोर्ट को जारी किया गया है। इस रिपोर्ट में सेना के ऊपर लगे अत्याचार के आरोपों को नकारा गया है।
रक्षा मंत्रालय में मनोवैज्ञानिक युद्ध और सार्वजनिक संबंध विभाग के डिप्टी डायरेक्टर मेजर जनरल ए लविन ने पत्रकारों से कहा कि रखाइन प्रांत के मेजर जनरल मांग मांग सोए को हटाने के पीछे कारण का पता नहीं है। उन्होंने कहा कि मेजर जनरल सोए किसी इलाके की जिम्मेदारी नहीं दी है।
संयुक्त राष्ट्र के एक विशेष दूत ने रविवार को बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी जिले कॉक्स बाजार का दौरा करने के बाद कहा था कि म्यांमार के सैनिकों ने रोहिंग्या मुसलमानों को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाया और महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय की एक प्रवक्ता कैटिना एडम्स ने कहा कि अमेरिका रखाइन प्रांत के मेजरल जनरल को हटाने की रिपोर्ट से अवगत है। उन्होंने कहा कि म्यांमार की सेना द्वारा रोहिंग्या के खिलाफ की गयी हिंसा और मानवाधिकारों के दुरुपयोग की निरंतर रिपोर्टों से वह गंभीर रूप से चिंतित हैं। इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जवाबदेही तय होनी चाहिए।


