दिल्ली के प्रदूषण पर मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया : जावडेकर
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तनमंत्री जावडेकर ने दिल्ली के प्रदूषण में पराली का योगदान मात्र चार प्रतिशत होने संबंधी अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए आज कहा कि उनका तात्पर्य इस सप्ताह के आँकड़े से था

नई दिल्ली। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दिल्ली के प्रदूषण में पराली का योगदान मात्र चार प्रतिशत होने संबंधी अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए आज कहा कि उनका तात्पर्य इस सप्ताह के आँकड़े से था और मीडिया में उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया।
श्री जावडेकर ने ट्विटर पर लिखा “दिल्ली के प्रदूषण के बारे में मेरे आज के बयान का मीडिया के हिस्से ने गलत अर्थ निकाला। मैं स्पष्ट कर दूँ कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएँ का मात्र चार प्रतिशत का आँकड़ा इस सप्ताह के लिए था। जब पराली बड़ी मात्रा में जलाई जाती है तो यह आँकड़ा चार प्रतिशत से 40 प्रतिशत के बीच घटता-बढ़ता रहता है।”
इसके बाद उन्होंने फिर एक बार कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ठंड के मौसम में दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के कई स्थानीय कारक हैं। इनमें वाहनों से निकलने वाला धुआँ, गैर-कृषि अपशिष्टों को जलाने से निकलने वाला धुआँ, धूल, भौगोलिक स्थिति और मौसम संबंधी कारक शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज सुबह कहा था कि ताजा आँकड़ों के अनुसार दिल्ली के प्रदूषण में अभी मात्र चार प्रतिशत पराली के धुएँ के कारण है जबकि शेष 96 फीसदी स्थानीय कारकों की वजह से है।
उनके बयान पर आधारित एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुये दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुये कहा था “सच्चाई से इनकार करने से कुछ हासिल नहीं होगा। यदि पराली के जलाने से मात्र चार फीसदी प्रदूषण होता है तो पिछले एक पखवाड़े के दौरान अचानक प्रदूषण कैसे बढ़ गया। उससे पहले हवा स्वच्छ थी। यह हर साल की कहानी है। पिछले कुछ दिनों में प्रदूषण के किसी भी स्थानीय कारक में इस कदर वृद्धि नहीं हुई है कि प्रदूषण इतना बढ़ जाये।”


