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बेंगलुरु में उदाहरण बनकर नेतृत्व करना मेरी जिम्मेदारी: छेत्री

2013 में अपने लॉन्च के बाद से बेंगलुरू ने हर सीजन में कम से कम एक ट्रॉफी जीती है और हर उस घरेलू ट्रॉफी को अपने कब्जे में किया

बेंगलुरु में उदाहरण बनकर नेतृत्व करना मेरी जिम्मेदारी: छेत्री
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बेंगलुरु। सफलता और बेंगलुरू एफसी एक साथ ही चलते हैं। 2013 में अपने लॉन्च के बाद से बेंगलुरू ने हर सीजन में कम से कम एक ट्रॉफी जीती है और हर उस घरेलू ट्रॉफी को अपने कब्जे में किया है, जिसके लिए वह लड़ी है।

हीरो इंडियन सुपर लीग में दो साल पहले अपनी एंट्री के बाद से इस टीम ने ऊँचे मापदंड स्थापित किए हैं। यह पहली और एकमात्र ऐसी टीम है, जो लीग टेबल में टॉप पर रही और फिर खिताब अपने कब्जे में किया। इस टीम ने बीते सीजन में एफसी गोवा के खिलाफ फाइनल में जीत हासिल करते हुए यह उपलब्धि हासिल की थी।

आईएसएल के इतिहास में किसी भी टीम ने अब तक अपने खिताब की रक्षा नहीं है। एटीके और चेन्नइयन एफसी ने इससे पहले दो बार खिताब जीते हैं लेकिन कोई भी चार्ल्स कुआडार्ट और उनके खिलाड़ियों से इस असम्भव लक्ष्य को हासिल करने को लेकर शर्त नहीं लगाना चाहेगा।

कप्तान सुनील छेत्री ने कहा, “हम वह हर टूर्नामेंट जीतना चाहते हैं, जहां हम खेलते हैं। अब हमारे सामने आईएसएल खिताब बचाने की चुनौती है और हम जानते हैं कि यह सीजन कठिन होगा। हम एशियाई प्रतियोगिता में लौट आए हैं और हमने एक से अधिक बार दिखाया है कि हम हिस्सा ले सकते हैं और अच्छा भी कर सकते हैं। हम अपना श्रेष्ठ देते हुए खिताब के लिए चुनौती पेश करना चाहते हैं।”

बेंगलुरू की टीम इस सीजन में शानदार दिख रही है। भारत के लिए खेलने वाले आशिक कुरुनियन, पूर्व चेन्नयन एफसी मिडफील्डर रफाए अगस्टो और स्पेनिश स्ट्राइकर मैनुएल ओनु तथा छेत्री के रहते यह टीम अजेय दिखती है। छेत्री निस्संदेह इस टीम के सबसे बड़े स्टार हैं और चाहें देश हो या क्लब अपने खेल का लुत्फ लेते हैं और श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं।

टीम और क्लब के लिए गेम चेंजर माने जाने वाले छेत्री ने अपने गोलों, एटीट्यूड और नेतृत्व क्षमता को लेकर कहा, “मैने जब 2013 में क्लब के साथ करार किया था, तब मेरे ऊपर टीम को उदाहरण के साथ आगे ले जाने की जिम्मेदारी आई थी। मेरे और टीम के ऊपर हर उस टूर्नामेंट में खिताब जीतने की जिम्मेदारी थी, जहां हम खेलते हैं। छह साल बाद कुछ नहीं बदला है। अब हालांकि मेरी कप्तान के तौर पर भूमिका को और गम्भीरता से लिया जाने लगा है।”

ऐसा नहीं है कि बेंगलुरू एफसी ने हर मौके पर जीत का स्वाद चखा है। उसे करीब से हार भी मिली है। 2017-18 सीजन में श्रीकांतिरावा स्टेडियम में उसे आईएसएल के फाइनल में चेन्नइयन एफसी के हाथों हार मिली थी।

छेत्री और कम्पनी अगर अपने नाम वह कीर्तिमान दर्ज कराना चाहती है, जो एटीके और चेन्नइयन एफसी नहीं दर्ज करा सके तो फिर उसे नए सीजन में पहले ही मैच से अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।


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