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2018 में चोट मुक्त रहना ही मेरा लक्ष्य: सौरभ वर्मा

भारत के उभरते हुए पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी सौरभ वर्मा का कहना है कि आने वाले साल में उनका लक्ष्य चोटमुक्त रहना और कोर्ट पर ज्यादा से ज्यादा समय बिताना होगा

2018 में चोट मुक्त रहना ही मेरा लक्ष्य: सौरभ वर्मा
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नई दिल्ली। भारत के उभरते हुए पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी सौरभ वर्मा का कहना है कि आने वाले साल में उनका लक्ष्य चोटमुक्त रहना और कोर्ट पर ज्यादा से ज्यादा समय बिताना होगा ।

सौरभ ने कहा कि 2018 में उनका कोई निश्चित लक्ष्य नहीं है, लेकिन वे बेहतर प्रदर्शन करने और अपने खेल को अगले स्तर पर ले जाने की पुरजोर कोशिश करेंगे।

सौरभ अभी प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) के तीसरे सीजन में लीग की नई टीम अहमदाबाद स्मैश मास्टर्स के लिए खेल रहे हैं। आईएएनएस से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश अगले साल चोटमुक्त रहते हुए बेहतर प्रदर्शन की होगी।

सौरभ ने कहा, "2018 में कोई निश्चित लक्ष्य नहीं है, लेकिन यही है कि मैं अपने आप को चोट से मुक्त रखूं और ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट खेलूं तो निश्चित तौर पर मैं अच्छा करूंगा।"

सौरभ ने इसकी वजह 2017 में चोट के कारण कोर्ट से दूर रहना बताई। उन्होंने कहा कि 2017 की शुरुआत तो अच्छी की थी, लेकिन बीच में चोट के कारण मैं ज्यादा कुछ नहीं कर सका।

बकौल सौरभ, "2017 की शुरुआत मेरी अच्छी हुई थी। शुरुआत में मैं जीपी गोल्ड लेवल पर क्वार्टर फाइनल तक खेल रहा था, लेकिन साल के बीच में चोट लगी तो इसकी वजह से जो मैं आगे बढ़ रहा था उस पर ब्रेक लग गया। यही सीखने को मिला है कि अगर मैं लगातार अपने आप को चोट मुक्त रखूंगा तो मैं अगले स्तर पर जा सकता हूं।"

पीबीएल में मैच 15 अंक प्रणाली के साथ खेले जा रहे हैं, इस पर जब सौरभ से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि इस प्रारुप में खिलाड़ी को हमेशा तैयार रहना पड़ता है।

उन्होंने कहा, "शर्ट फॉर्मेंट है, जल्दी तो होता ही है। लेकिन साथ ही आपको इस प्रारुप में हमेशा तैयार रहना पड़ता है कभी भी आप ढिलाई नहीं बरत सकते। क्योंकि अगर आप 10-2 से भी आगे हैं तो यह भी इतनी बड़ी बढ़त नहीं मानी जा रही है क्योंकि मैंने जो पिछले कुछ मैचे देखें हैं वो इस स्कोर से भी बदले हैं। छोटे प्रारुप में कहीं भी आपको आराम का समय नहीं मिलने वाला है।"

सौरभ की टीम में महिला रैंकिंग में शीर्ष वरीयता प्राप्त ताई जु यिंग, 10वीं वरीयता प्राप्त मिश्रित युगल महिला खिलाड़ी स्टेफनी स्टोएवा जैसी विश्व स्तर की खिलाड़ी हैं।

सौरभ से जब पूछा गया कि विश्व स्तर के खिलाड़ियों के साथ अभ्यास करने और समय बिताने का क्या फायदा होता है तो इसके जबाव में सौरभ ने कहा, "इन लोगों से आप काफी कुछ सीख सकते हैं। जैसे की ताई जुंग हैं, वो कोर्ट पर काफी चतुराई से खेलती हैं। तो जितना मैं समय उनके साथ बिता रहा रहूं, एक टीम के साथ हम मैचों के लिए जो तैयार कर रहे हैं उसमें काफी कुछ सीखने को मिलता है कि बड़े मैचों के लिए कैसे अपने आप को तैयार किया जाए। अभ्यास कैसे करना है।"

सौरभ के भाई समीर भी भारतीय बैडमिंटन के उभरते हुए सितारे हैं। दोनों भाई राष्ट्रीय टीम के कोच पुलेला गोपीचंद की अकादमी में अभ्यास करते हैं। अपने भाई से खेल के संबंध में बातचीत पर सौरभ का कहना है, "हम एक दूसरे का मैच देखते हैं तो बताते हैं कि या कमजोरी थी या गलती की थी, या जो अगले मैच में खिलाड़ी है उसकी कमजोरी और ताकत क्या है इस पर चर्चा करते हैं।"


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