एमवीए कर्नाटक चुनाव के नतीजे देख लोकसभा, विधानसभा सीटों के बंटवारे पर काम शुरू करेगा
महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन - कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना-यूबीटी के महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे का महत्वपूर्ण कार्य शुरू किए जाने की संभावना है

मुंबई। महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन - कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना-यूबीटी के महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे का महत्वपूर्ण कार्य शुरू किए जाने की संभावना है। सीट बंटवारे पर बातचीत का उद्देश्य लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले भाजपा-शिवसेना (बी) गठबंधन के सामने एक संयुक्त मोर्चा खड़ा करना है।
हालांकि, पहले से ही अलग-अलग सुर सुनाई दे रहे हैं, क्योंकि तीनों पार्टियां दोनों चुनावों के लिए सबसे अधिक सीटों पर कब्जा करने का प्रयास कर रही है। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार को सोलापुर में कहा कि सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर एमवीए में कोई असहमति नहीं है।
उन्होंने कहा, एमवीए राज्य में बहुत मजबूत हो रहा है। पिछले तीन वर्षो में हमने यहां भाजपा के प्रभाव को खत्म करने में बड़ी सफलता हासिल की है। कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद हम एक साथ बैठेंगे और सीटों के बंटवारे पर चर्चा शुरू करेंगे।
कांग्रेस का विचार यह है कि जीतने की क्षमता वाले सबसे मजबूत उम्मीदवार, चाहे वह किसी भी पार्टी के हों, उन्हें 48 संसदीय और 288 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मैदान में उतारा जाना चाहिए। अन्य सहयोगी- राकांपा और शिवसेना-यूबीटी इस पर अलग-अलग राय रखते हैं, प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में अपनी-अपनी कथित ताकत के अनुसार सीट वितरण पर जोर देते हैं या प्रत्येक सीट पर 2019 के चुनावों के उपविजेता पहले दावे का हकदार होना चाहिए।
मीडिया में सीट बंटवारे के फॉर्मूले के कुछ आंकड़ों के प्रसारित होने की खबरों पर तीनों भागीदारों ने उन्हें 'कल्पना' कहकर खारिज कर दिया और कहा कि अभी कुछ भी तय नहीं है। एक निजी स्थानीय टीवी चैनल के सवाल के जवाब में पटोले ने एमवीए सहयोगियों से एनसीपी-सेना (यूबीटी) में शामिल होने वाले कांग्रेस नेताओं को 'वापस' करने का आह्वान किया है।
उन्होंने दोहराया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिंदे को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और वह सीएम नहीं रह पाएंगे, जिससे उनकी 11 महीने पुरानी सरकार गिर जाएगी।


