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राहुल गांधी की राजनीति से मुसलमान नाराज: मंजूर अली

मंजूर अली ने  कहा भाजपा एक सांप्रदायिक पार्टी है, वहां मुसलमान जा नहीं सकता है इसलिए कांग्रेस ही राज्य में एकमात्र विकल्प बचता है

राहुल गांधी की राजनीति से मुसलमान नाराज: मंजूर अली
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जयपुर। राजस्थान के मुसलमान राजनीतिक दलों की अनदेखी के कारण खुद को ठगा हुआ और उपेक्षित महसूस कर रहे हैं इसलिए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस का विकल्प तलाश करने की योजना बना रहे हैं।

मुसलमानों के सबसे पुराने संगठन जमीयत उलेमा ए हिन्द के प्रदेश उपाध्यक्ष हाफिज मंजूर अली ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां मुसलमानों को मात्र वोट बैंक समझती है जो सरासर गलत है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘नरम हिन्दुत्व’ की नीति से राज्य के मुसलमानों में नाराजगी है लेकिन कोई दूसरा विकल्प नहीं है। कांग्रेस इसी मजबूरी का फायदा उठाती है। उन्होंने कहा कि जमीयत उलेमा ए हिंद समेत तमाम मुस्लिम संगठन विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में कांग्रेस का विकल्प तलाशने की कोशिश करेंगे। जमीयत इस मामले में गहन चिंतन कर रही है।

मंजूर ने कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव से करीब दो महीने पहले एक प्रस्ताव पारित किया गया था जिसमें सभी राजनीतिक दलों खासकर कांग्रेस से आबादी के अनुपात में मुस्लिमों को टिकट देने और पार्टी के आंतरिक ढांचे में जगह देने की मांग की थी।

प्रस्ताव में कहा गया था कि अगर मुस्लिमों को उचित सम्मान नहीं मिला तो वह विकल्प ढूंढ़ लेंगे। कई मुस्लिम संगठनों को मिलाकर बनाये गये मुस्लिम फोरम राजस्थान ने भी उम्मीदवारों की सूची जारी होने से पहले मुस्लमानों की समुचित भागीदारी की बाद दोहरायी और कांग्रेस सहित सभी धर्मनिरपेक्ष दलों से एक मंच पर आने की अपील की थी।

उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले एेसी अफवाह फैलायी जा रही थी कि कांग्रेस इस बार 5-6 मुसलमानों को ही विधानसभा का टिकट देगी लेकिन उनके दबाव के कारण 15 मुसलमानों को टिकट दिया गया है। उनके दबाव के कारण ही आदर्शनगर सीट के लगभग तय हो चुके प्रत्याशी को बदलकर अल्पसंख्यक को उम्मीदवार बनाया गया।

मुसलमानों की आबादी के अनुसार कम से कम 26 सीटों पर मुसलमानों को टिकट मिलना चाहिए लेकिन 15 टिकट मिलने से भी वह संतुष्ट है हालांकि उन्हें एक बात का अफसोस है कि मुस्लिम उम्मीदवारों का चयन सही तरह से नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि टोंक, सीकर और हवामहल विधानसभा की सीट भी मुसलमानों को मिलनी चाहिए थी।

मंजूर ने कहा कि अलवर और राजसमंद में माॅब लिंचिंग की जिस प्रकार की घटनाएं हुई है उससे मुसलमानों में निराशा का भाव है और उनके अंदर नकारात्मक सोच आ गयी है। इस चुनाव में चुनाव आयोग की अपील की तरह जमीयत की भी यही कोशिश होगी कि ज्यादा से ज्यादा हम मतदान करें ताकि बेहतर उम्मीदवारों का चयन किया जा सके।

जयपुर की दो सीटें आदर्शनगर और किशनपोल में करीब 30-30 मुसलमान मैदान में हैं, के सवाल पर उन्होंने कहा निर्दलीय उम्मीदवारों को प्रचार नहीं करने के लिए समझाया जाएगा। किशनपोल विधानसभा में कुल 71 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है, जिनमें से 35 मुस्लिम थे लकिन नामांकन पत्रों की जांच और नाम वापसी के बाद इस सीट पर 60 प्रत्याशी मैदान में हैं जिनमें से 29 उम्मीदवार मुस्लिम हैं।

आदर्श नगर में 66 उम्मीदवारों में से 35 मुस्लिम उम्मीदवार पर्चे दाखिल किये थे लेकिन 53 उम्मीदवार वैध पाये गये जिनमें से 31 मुस्लिम उम्मीदवार हैं।


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