जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों के मुस्लिम कार्यकर्ता रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जाएंगे : इंद्रेश कुमार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक, मुख्य सरंक्षक एवं संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने 22 जनवरी को अयोध्या के श्रीराम मंदिर में रामलला के विराजमान होने को पूरे विश्व के लिए ऐतिहासिक और स्वागत योग्य बताते हुए कहा है कि जम्मू कश्मीर सहित देश के विभिन्न राज्यों के 50 से अधिक जिलों से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ता अलग-अलग समूहों में निकल कर रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या जाएंगे

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक, मुख्य सरंक्षक एवं संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने 22 जनवरी को अयोध्या के श्रीराम मंदिर में रामलला के विराजमान होने को पूरे विश्व के लिए ऐतिहासिक और स्वागत योग्य बताते हुए कहा है कि जम्मू कश्मीर सहित देश के विभिन्न राज्यों के 50 से अधिक जिलों से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ता अलग-अलग समूहों में निकल कर रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या जाएंगे।
उन्होंने कहा कि ये सभी मुस्लिम कार्यकर्ता मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अर्थात 22 जनवरी के बाद दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंचेंगे। आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने मंगलवार को हजरत ख़्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स के मौके पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रतिनिधिमंडल को 40 फुट लंबी एवं चौड़ी चादर भेंट करते हुए देश की एकता, अखंडता, समरसता और सौहार्द बनाए रखने की भी दुआएं की।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि यह चादर लेकर 51 सदस्यीय दल 12 जनवरी को रवाना होगा, जिसे 13 तारीख को अजमेर दरगाह शरीफ पर चढ़ाया जाएगा।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत तीर्थों, त्योहारों और मेलों की भूमि है, यहां राम भी हैं और ख्वाजा भी। हर त्योहार हमें सिखाता है कि हमें कट्टरता, द्वेष, नफरत, दंगे या युद्ध नहीं चाहिए। हम शांति, सद्भाव और भाईचारा चाहते हैं। किसी को भी धर्म परिवर्तन और हिंसा करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। सभी अपने धर्म और जाति का पालन करें। दूसरे के धर्म की आलोचना या अपमान न करें। जब देश में सभी धर्मों का सम्मान किया जाएगा, तो देश कट्टरपंथियों से मुक्त होगा।
उन्होंने लव जिहाद की भी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यदि हमें बेटियों और माताओं पर होने वाले अत्याचारों को रोकना है तो सबसे पहले बच्चों में संस्कार भरना होगा, बेटियों को शिक्षित करना होगा।


