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मुस्लिम महिलाओं को 1400 साल पुरानी कुप्रथा से मुक्ति मिली : लुणावत

संसद द्वारा तीन तलाक विधेयक को पारित किए जाने को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुस्लिम समाज के लिए सुखद क्षण करार दिया है

मुस्लिम महिलाओं को 1400 साल पुरानी कुप्रथा से मुक्ति मिली : लुणावत
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भोपाल। संसद द्वारा तीन तलाक विधेयक को पारित किए जाने को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुस्लिम समाज के लिए सुखद क्षण करार दिया है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश कुमार लुणावत ने इस विधेयक को मुस्लिम बहनों को 1400 साल पुरानी कुप्रथा से मुक्ति दिलाने वाला बताया है।

लुणावत ने बुधवार को पार्टी कार्यालय में संवादाताओं से कहा, "तीन तलाक का मामला आज का नहीं है, यह 1986 से चल रहा है। शाहबानो से सायरा बानो तक इस मामले ने कई पड़ाव देखे हैं। 1986 में शाहबानो प्रकरण उठा था। कांग्रेस के पास 400 से ज्यादा सांसद थे, पूर्ण बहुमत की सरकार थी। अगर कांग्रेस उसी समय मुस्लिम बहनों को इस अन्याय से मुक्ति दिला देती, तो उसे आज ये दिन नहीं देखने पड़ते। लेकिन कांग्रेस नहीं संभली और अपने वोट बैंक को खुश करने के चक्कर में उसने मुस्लिम बहनों पर यह जुल्म होने दिया।"

लुणावत ने कहा, "मंगलवार का दिन एक स्वíणम दिन था। संसद ने तीन तलाक विधेयक पारित कर दिया, जिसने देश की मुस्लिम बहनों को 1400 साल पुरानी एक कुप्रथा से मुक्ति दिलाई।"

उन्होंने कहा, "भाजपा के लिए तीन तलाक का सवाल न तो सियासत का था, न इबादत का। यह नारी न्याय, नारी गरिमा, नारी सम्मान और नारी समानता का सवाल था, इंसान और इंसानियत का सवाल था।"

लुणावत ने आगे कहा, "यह बड़ा सवाल है कि एक सभ्य समाज में तीन तलाक जैसी कुप्रथा इतने सालों तक कैसे चलती रही, कैसे कांग्रेस और अन्य दल इसका समर्थन करते रहे? जबकि, हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में 1956 में ही इस पर रोक लगा दी गई थी। बांग्लादेश में भी इस पर रोक है। इसके अलावा दुनिया के 22 देशों में तीन तलाक पर रोक है, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम देश हैं। फिर भारत में यह इतने दिनों तक कैसे चलता रहा।"


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