केवल सामानों तक ही सीमित नहीं होने चाहिए बहुपक्षीय व्यापार समझौते : मोदी
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां फ्यूचर इनवेस्टमेंट इन्सटीट्यूट फोरम के तीसरे सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बहुपक्षीय व्यापार समझौतों को केवल सामानों तक ही सीमित नहीं किया जाना चाहिए

रियाद। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां फ्यूचर इनवेस्टमेंट इन्सटीट्यूट फोरम के तीसरे सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बहुपक्षीय व्यापार समझौतों को केवल सामानों तक ही सीमित नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इन्हें श्रमशक्ति और प्रतिभा की गतिशीलता को पूरा करना चाहिए।
श्री मोदी ने कहा कि अपनी ऊर्जा जरुरतों को पूरा करने के लिए भारत तेल एवं गैस अवसंरचना क्षेत्र में 100 अरब अमेरिकी डाॅलर का निवेश करेगा।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों को केवल सामानों तक ही सीमित नहीं किया जाना चाहिए। श्रमशक्ति और प्रतिभा की गतिशीलता इसका अभिन्न अंग होना चाहिए।
उन्होंने वैश्विक निवेशकों और विशेष रूप से खाड़ी क्षेत्रों के निवेशकों से भारत में स्टार्ट अप इको सिस्टम का लाभ उठाने की अपील की।
श्री मोदी ने कहा, “भारत स्टार्ट अप इको सिस्टम की सूची में आज विश्व में तीसरे पायदान पर है और टू्टियर और थ्री टियर शहरों में भी स्टार्ट अप तेजी से उभर रहा है। भारत में कई स्टार्ट अप विदेशों में निवेश कर रहे हैं। इसलिए मैं सभी वैश्विक निवेशकों से भारत के इको सिस्टम का लाभ उठाने का आग्रह करता हूँ।”
दरअसल इस बैठक की मेजबानी सऊदी के किंग कर रहे है। श्री मोदी ने कहा कि आज विश्व में ‘व्यापार अनुकूल' शासन प्रणाली की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच हजारों वर्ष से रिश्ता है। उन्होंने कहा, ‘एक दूसरे के साथ हमें अपनापन लगता है और परंपरागत रिश्तों ने भारत और सऊदी की साझेदारी को वास्तव में अधिक मजबूत किया है।”
श्री मोदी ने कहा हमने पचास खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए खाका तैयार किया है। हम केवल व्यापार को आसान बनाने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं बल्कि जीवन को आसानी से जीने के लिए भी काम कर रहे हैं।”
उन्होंने इस दौरान वैश्विक निवेशकों से भारत में उभरते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में भी निवेश करने की अपील की। श्री मोदी ने कहा, “हमने वर्ष 2022 तक नया भारत बनाने की रुपरेखा तैयार की है और मजबूत भारत वैश्विक शांति के लिए प्रतिबद्ध होगा। ”


