बरादर के हाथ में होगी अफगानिस्तान की कमान
अफगानिस्तान में अमेरिका की वापसी के बाद तालिबान के दो चेहरे सामने आ रहे हैं.एक तरफ तालिबान नरमी दिखा रहा है तो दूसरी तरफ अमेरिका का साथ देने वाले अपने ही देशवासियों को सजा देने की कोशिश कर रहा है... तालिबान में शामिल कई गुट पड़ोसियों को डरा भी रहे हैं. इस बीच तालिबान ने नई सरकार के गठन की कोशिशें भी शुरू कर दी हैं.

अफगानिस्तान से अमेरिका की विदाई के बाद अब तालिबान ने नई सरकार के गठन की कोशिशें तेज कर दी हैं. तालिबान ने साफ कर दिया है कि सरकार अब हफ्तों में नहीं बल्कि कुछ ही दिनों में सबके सामने होगी. तालिबान नेताओं के बीच सरकार बनाने के फॉर्मूले पर सहमति बन गई है...इस प्लान के मुताबिक मुल्ला बरादर जहां सरकार का मुख्य चेहरा होंगे, वहीं हैबतुल्लाह अखुंदजादा गवर्निंग काउंसिल के हेड होंगे... जो सरकार के सुप्रीम कमांडर होंगे. जल्द ही अखुंदजादा और बरादर काबुल में सार्वजनिक रूप से सामने आएंगे... इस बीच तालिबान ने भारत के साथ शांतिपूर्ण रिश्ते बनाए रखने की बात कही है. भारत और तालिबान के बीच कतर में औपचारिक बातचीत भी शुरू हो गई है. तालिबान ने भारत को भरोसा दिलाया है कि अफगानिस्तान की धरती से भारत विरोधी कोई भी काम नहीं किया जाएगा. इस बीच भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में तालिबान को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया.. जिसमें तालिबान से अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल दूसरे देश के खिलाफ ना करने की बात कही गई है. चीन और रूस के विरोध के बावजूद ये प्रस्ताव बहुमत के आधार पर पास हो गया. चीन ने तो इतना तक कहा कि इस प्रस्ताव की कोई जरूरत नहीं है .. इस बीच तालिबान के लिए पंजशीर का इलाका अभी भी मुश्किल बना हुआ है. मंगलवार की रात एक बार फिर तालिबान ने यहां घुसने की कोशिश की और भारी नुकसान उठाया. 400 तालिबानियों की या तो जान चली गई या फिर उन्हें पकड़ लिया गया.


