दिल्ली सरकार और भाजपा निगम को आर्थिक रुप से पंगु बनाने का षडयंत्र रच रहे: मुकेश गोयल
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) निगम को आर्थिक रुप से पंगु बनाने का षडयंत्र कर रहे हैं।

नयी दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) निगम को आर्थिक रुप से पंगु बनाने का षडयंत्र कर रहे हैं।
गोयल ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार और निगम पर काबिज भाजपा की राजनीतिक लड़ाई के कारण क्षेत्र के लोगों और निगम के कर्मचारियों की दिक्कतें दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं। दोनों ही निगम की आर्थिक स्थिति को सुधारने के दिशा में कदम उठाने की बजाय इसे पंगु बनाने का षडयंत्र करने में जुटी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने 2018-19 के बजट अनुमान में निगम को विभिन्न मदों में दी जाने वाली अनुदान राशि को घटाकर शून्य कर दिया है। दूसरी तरफ सत्तारूढ़ भाजपा निगम को आर्थिक रुप से स्वावलंबी बनाने के लिए संसाधन जुटाने और तलाशने में पूरी तरह असफल रही है।
एकीकृत निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे श्री गोयल ने कहा कि श्री केजरीवाल की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। गरीबों को लेकर बड़ी.बड़ी डींग मारने वाले मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री निगम के सफाई कर्मचारियों को नियमित करने की बात करके राजनीतिक श्रेय हासिल करने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि निगम को आर्थिंक रूप से पंगु बनाने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। दिल्ली सरकार के बजट में निगम को दी जाने वाली अनुदान राशि को खत्म कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 2017-18 में सफाई मद में 430 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया था। इसमें से 210 करोड़ रुपए सफाई कर्मियों के वेतन और शेष 220 करोड़ रुपए निगम के कूड़ा प्रबंधन समेत अन्य मद में खर्च किए जाने थे। चालू वित्त वर्ष में इस मद में कोई राशि ही नहीं दी गयी तो सफाईकर्मियों को वेतन कहां से और कैसे दिया जायेगा। पैसा नहीं होने से कूड़ा प्रबंधन और साफ.सफाई के अन्य कार्य बुरी तरह प्रभावित होंगे।
निगम के बजट की चर्चा करते हुए गोयल ने कहा कि 2018-19 के बजट में भाजपा ने अनेक लोक लुभावनी घोषणायें की थीं। इन घोषणाओं को क्रियान्वित करना तो दूर सफाईकर्मियों को वेतन देने के भी लाले पड़े हुए हैं। निगम के चालू वित्त वर्ष के बजट में जो बड़ी.बड़ी घोषणायें की गयी हैं, वे कागजी हैं और इसके लिए निगम के पास धन की कोई व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार और निगम पर काबिज भाजपा की राजनीतिक लड़ाई से निगम क्षेत्र के विकास कार्य पूरी तरह चौपट हो चुके हैं। दोनों की कारगुजारियों को उजागर करने के लिए कांग्रेस जनता के बीच जायेगी।


