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8 माह से मिट्टी तेल, 2 माह से नहीं मिला राशन

ऊर्जाधानी के ग्रामीण अंचलों में सरकार की महत्वाकांक्षी सार्वजनिक वितरण प्रणाली का काफी बुरा हाल

8 माह से मिट्टी तेल, 2 माह से नहीं मिला राशन
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कोरबा। ऊर्जाधानी के ग्रामीण अंचलों में सरकार की महत्वाकांक्षी सार्वजनिक वितरण प्रणाली का काफी बुरा हाल है। आलम यह है कि ग्रामीणों को पिछले 6-8 महीने से मिट्टी तेल नसीब नहीं हुआ है तो वहीं दो माह से वे चावल मिलने का इंतजार करते-करते थक चुके हैं। संचालकों की लापरवाही कहें या व्यवस्थागत कमजोरी, खामियाजा गरीब वर्ग के लोग भुगत रहे हैं।

मामला जिला मुख्यालय से बमुश्किल 15 किमी दूर स्थित ग्राम पंचायत गोढ़ी का है। यहां उचित मूल्य दुकान पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि दुकान संचालक द्वारा 6-7 महीने से मिट्टी तेल नहीं दिया जा रहा है। इस बार तो तेल के साथ शक्कर भी नहीं मिला है। इस बारे में संचालक से पूछे जाने पर कहना था कि 6-7 महीने से उसे मिट्टी तेल आबंटित ही नहीं हुआ है। पहले तीन माह का मिट्टी तेल मिला था, अब पुराना 42-43 हजार रूपए बकाया बताकर तेल नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाया है। दूसरी ओर उरगा क्षेत्र के ग्राम पंचायत पहंदा में 220 क्विंटल चावल की हेराफेरी का सनसनीखेज आरोप पूर्व दुकान संचालक पर लगा है। यहां 8 माह से मिट्टी तेल और 2 माह का चावल नहीं मिलने की शिकायत दुकान पहुंचे हितग्राहियों ने की है। हितग्राहियों के मुताबिक पूर्व में यह दुकान रामखिलावन कंवर चला रहा था, जिसके द्वारा दर्जनों कार्ड धारियों को चावल नहीं दिया गया है। लोक सुराज में पहंदा पंचायत के सरईडीह वासियों ने अनियमितता की शिकायत की थी, जिस पर खाद्य निरीक्षक की जांच उपरांत व एसडीएम के आदेश पर इस दुकान का संचालन महिला समिति को सौंपा गया। महिला समिति ने खुलासा किया है कि 100 कार्डधारियों को पूर्व संचालक ने खाद्यान्न नहीं दिया है वहीं 220 क्विंटल चावल का भी मिलान नहीं हो रहा है। ग्रामीणों की मानें तो पूर्व संचालक ने टैबलेट में इनकी फोटो खींचने के उपरांत बाद में आना कहकर चलता कर दिया लेकिन जुलाई का भी चावल नहीं दिया।

जुलाई में बांट दिया अगस्त का चावल 40 क्विं. पहले से कम मिला था इन शिकायतों के संबंध में जब पूर्व संचालक रामखिलावन से पूछा गया तब उसका कहना था कि 25-30 कार्डधारियों का चावल बटना शेष रह गया है। 5-6 महीना पहले से ही उसे 40 क्विंटल चावल गोदाम से कम मिला था और वही अंतर आज तक माइनस दिखा रहा है इसलिए चावल नेट में कट जाता है। कुछ कार्डधारियों को अगस्त माह का चावल जुलाई माह में वितरण करने और इसकी जानकारी खाद्य शाखा को दिए जाने की बात बताई। चावल मेन्टनेंस के सवाल पर कहा कि खाद्य अधिकारियों ने रायपुर में आवेदन लगाकर मेन्टेन करने की बात कही है। दूसरी ओर खाद्य अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि संचालक रामखिलावन के विरुद्ध शिकायत मिली थी। एसडीएम कार्यालय में मामला विचाराधीन है और वसूली की कार्रवाई की जानी है।


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