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मध्यप्रदेश: दो बजे तक 35 प्रतिशत से अधिक मतदान

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में लगभग 72 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे

मध्यप्रदेश: दो बजे तक 35 प्रतिशत से अधिक मतदान
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भोपाल। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान में आज सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों के लगभग 65 हजार मतदान केंद्रों में दोपहर दो बजे तक 35 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने वोट डाले। एक दो घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है, हालाकि इंदौर और गुना जिले में दो मतदान कर्मचारियों का निधन हृदयाघात के कारण हुआ है।

राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का प्रयास है कि इस बार कम से कम 80 फीसदी मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करें।

मतदान के शुरूआती छणों में कुछ स्थानों पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी के कारण कुछ देर के लिए मतदान प्रभावित रहा, लेकिन बाद में इस तरह की शिकायतें नहीं आयीं। निर्वाचन आयोग के अमले ने तत्काल संबंधित स्थानों पर ईवीएम बदल दीं और मतदान प्रारंभ कराया।

गुना जिले के बमोरी विधानसभा क्षेत्र के पराठ गांव स्थित मतदान केंद्र के एक कर्मचारी सोहनलाल की हृदयाघात के कारण मौत हो गयी। वहीं इंदौर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक पांच के एक मतदान केंद्र में कैलाश पटेल नाम के मतदान कर्मचारी का निधन हो गया। उन्हें सीने में तकलीफ के बाद एक अस्पताल में ले जाया गया था, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

शहरों और नगरीय क्षेत्रों में मतदान तेजी से होने की सूचना है। दोपहर बाद ग्रामीण अंचलों में भी मतदान की गति तेज हो गयी। संवेदनशील माने जाने वाले भिंड, मुरैना, बालाघाट और कुछ अन्य जिलों में शुरूआत मेें मतदान का प्रतिशत कम था, लेकिन समय गुजरने के साथ ही मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं की कतार लगना शुरू हो गयीं।

भिंड जिले में एक दो स्थानों पर असामाजिक तत्वों द्वारा गोली चलाए जाने की सूचना के बाद सुरक्षा बल तत्काल सक्रिय हो गया। वहीं भिंड जिले के लहार क्षेत्र में कुछ लोगों ने मतदान केंद्र में हिंसा का प्रयास किया। राज्य के शेष हिस्सों में मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चलने की सूचनाएं हैं।

इसके पहले राज्य में लगभग 65 हजार मतदान केंद्रों पर सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ। नक्सली प्रभावित बालाघाट जिले में परसवाड़ा, बैहर और लांजी में मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ, जो तीन बजे तक चलेगा।

पांच करोड़, चार लाख 33 हजार 079 मतदाता ईवीएम के जरिए अपना मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे। ये मतदाता चुनाव मैदान में मौजूद 2899 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे। मतदाताओं में दो करोड़ 63 लाख 01 हजार 300 पुरूष और दो करोड़ 41 लाख 30 हजार 390 महिलाएं शामिल हैं। सर्विस वोटर की संख्या 62 हजार 172 है। राज्य के सभी 65 हजार 341 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण ढंग से मतदान कराने के लिए प्रशासन की ओर से आवश्यक व्यवस्थाएं की गयी हैं। निर्वाचन आयोग ने संवेदनशील माने जाने वाले 06 हजार 500 मतदान केन्द्रों की बेवकास्टिंग की व्यवस्था की है। इसके अलावा 6700 सीसीटीवी लगाये गये हैं। वहीं, चार हजार 600 केन्द्रों की वीडियोग्राफी करायी जाएगी।
राज्य के 11 हजार 900 मतदान केन्द्रों पर केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की गयी है। इसके अलावा एक लाख 80 हजार पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए हैं। मतदान के दौरान 78 हजार 870 बैलेट यूनिट, 65 हजार 367 सेन्ट्रल यूनिट और 65 हजार 367 वीवीपैट का इस्तेमाल किया जा रहा है। सभी मशीनों के दस हजार से अधिक यूनिट्स को रिजर्व रखा गया है। इन मशीनों में तकनीकी खराबी होने पर 30 मिनट में बदल दिया जायेगा।
इस चुनाव में कुल 2899 प्रत्याशियों में 2644 पुरुष और 250 महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा थर्ड जेंडर के पांच उम्मीदवार भी है। इसमें 1794 सामान्य, 591 अनुसूचित जाति और 514 अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं। राज्य के छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक सात महिला प्रत्याशी, जबकि मेहगांव में सर्वाधिक 33 पुरुष प्रत्याशी हैं।

राज्य की 45 विधानसभा सीटों पर दो बैलेट यूनिट के जरिए मतदान की व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा अटेर और मेहगांव में तीन यूनिट लगायी गयी हैं। निर्वाचन आयोग ने बुजुर्ग, दिव्यांग, गर्भवती और धात्री महिलाओं को विशेष सुविधायें मुहैया करायी हैं, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो। दिव्यांग और गर्भवती महिलाओं के लिए क्यू लेस व्यवस्था की गयी है और उन्हें कतार में नहीं लगना होगा।

सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के कई दिग्गजों समेत समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के भी नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सामना इस बार बुधनी सीट पर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव से हाे रहा है। इसके अलावा होशंगाबाद सीट पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा के सामने भाजपा से कांग्रेस में गए वरिष्ठ नेता सरताज सिंह मैदान में हैं।

जनसंपर्क मंत्री डॉ नराेत्तम मिश्रा (दतिया), वित्त मंत्री जयंत मलैया (दमोह), पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव (रहली), गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह (खुरई), महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस (बुरहानपुर), पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी (भोजपुर), विधानसभा मेें नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह (कांग्रेस, चुरहट), पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा (भाजपा, भितरवार) और पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह (कांग्रेस, लहार) के भी भाग्य का फैसला आज ईवीएम में बंद जाएगा। राज्य सरकार के लगभग एक दर्जन मंत्री और कई पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दाव पर लगी है।

सत्तारूढ़ भाजपा ने जहां राज्य की सभी 230 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, वहीं कांग्रेस 229 सीट पर चुनाव लड़ रही है। उसने गठबंधन के तहत एक सीट जतारा, लोकतांत्रिक जनता दल के लिए छोड़ी है। भाजपा और कांग्रेस के बाद बसपा ने सर्वाधिक 227 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी (आप) ने 208, सपाक्स पार्टी ने 110, शिवसेना ने 81, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने 73 और समाजवादी पार्टी ने 52 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। एक हजार 94 निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में डटे हैं। मतगणना 11 दिसंबर को होगी।


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