मप्र : सत्यव्रत के आक्रामक तेवरों को देखकर कांग्रेस ऊहा-पोह में
मध्यप्रदेश में पूर्व प्रवक्ता और सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी के आक्रामक तेवरों के बावजूद कांग्रेस ऊहा-पोह की स्थिति में है

भोपाल। मध्यप्रदेश में पूर्व प्रवक्ता और सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी के आक्रामक तेवरों के बावजूद कांग्रेस ऊहा-पोह की स्थिति में है। कई नेता चतुर्वेदी को पार्टी से निष्कासित करने का दबाव बना रहे हैं तो दूसरी ओर पार्टी को सत्यव्रत के निष्कासन से बुंदेलखंड में चुनाव में नुकसान की आशंका सता रही है। पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी के बेटे नितिन को राजनगर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस की ओर से वादा किए जाने के बावजूद नितिन को कांग्रेस का टिकट न दिए जाने से चतुर्वेदी नाराज है। चतुर्वेदी बेटे की खुले तौर पर मदद कर रहे हैं, उनका कहना है कि वे एक बेटे के लिए उसके पिता का फर्ज निभा रहे हैं।
सोमवार की शाम को कांग्रेस के प्रदेश दफ्तर से सत्यव्रत के निष्कासन की चर्चा ने जोर पकड़ा, पार्टी का कोई नेता सच बताने तैयार नहीं है।
पार्टी के उच्च सूत्रों का कहना है कि चतुर्वेदी के संदर्भ में फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है, पार्टी मंथन कर रही है कि आखिर क्या किया जाए।
सूत्रों का कहना है कि चतुर्वेदी की बुंदेलखंड के कई क्षेत्रों में पैठ है, वे किसी उम्मीदवार को जिता नहीं सकते, मगर कांग्रेस के उम्मीदवार को हराने की क्षमता रखते हैं। लिहाजा, अभी पार्टी को चतुर्वेदी सिर्फ एक सीट राजनगर में ही चुनौती दे रहे हैं। उन्हें पार्टी से बाहर किया तो चुनाव जिस मोड़ पर खड़ा है, उसमें पार्टी को बड़ा नुकसान होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
निष्कासन के बाद वे स्वतंत्र हो जाएंगे और पूरे क्षेत्र में पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने में नहीं हिचकेंगे। बुंदेलखंड की कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय है और कांग्रेस किसी भी तरह का नुकसान उठाने को तैयार नहीं है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा से भी सत्यव्रत चतुर्वेदी के संदर्भ में जानकारी चाही गई तो वे भी आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दे पाई और पार्टी के फैसले से अनभिज्ञता जाहिर की।


