Top
Begin typing your search above and press return to search.

मप्र : तालाब मामले में सैफ और शर्मिला को राहत

प्रसिद्ध अभिनेत्री शर्मिला टैगौर और उनके अभिनेता पुत्र सैफ अली खान सहित उनके परिजन को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय से आज राहत मिली है

मप्र : तालाब मामले में सैफ और शर्मिला को राहत
X

जबलपुर। प्रसिद्ध अभिनेत्री शर्मिला टैगौर और उनके अभिनेता पुत्र सैफ अली खान सहित उनके परिजन को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय से आज राहत मिली है।

न्यायाधीश वंदना कासरेकर की एकलपीठ ने उनकी तरफ से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए राससेन जिले स्थित नौ सौ एकड़ के तालाब के संबंध में भोपाल जिला न्यायालय में दायर मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी है। भोपाल न्यायालय ने सुनवाई के दौरान पेश की गयी नवाब हमीदुल्लाह खान द्वारा जारी कथित लीज के दस्तावेज की जांच करवाने से इनकार कर दिया था, इस कारण पटौदी परिवार के सदस्यों को उच्च न्यायालय की शरण लेना पड़ी थी।

दायर याचिका में कहा गया था कि उनका रायसेन में नौ सौ एकड़ का तालाब है। उस तालाब में एक समाज के मछुआरे मछली पालन और सिंघाड़े की खेती करते थे। सिंघाड़े की खेत के लिए रासायनिक दवाइयों का उपयोग किये जाने से तालाब का पाली जहरीला हो रहा था और उसमें पलने पाले जलीय जीवों की मौत हो रही थी। इसके कारण उन्होंने मछुआरों को तालाब देने से इनकार कर दिया।

याचिका में कहा गया था कि बिना अनुमति अतिक्रमण कर मछुआरे तालाब का उपयोग करते रहे। इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गयी थी तथा भोपाल जिला न्यायालय में मामला दायर किया गया था। इसकी सुनवाई करते हुए न्यायालय ने मछुआरों द्वारा तालाब में किये जा रहे मछली पालन तथा सिंघाड़े की खेती पर रोक लगा दी थी।

मामले की सुनवाई के दौरान मछुआरों की तरफ से एक लीज दस्तावेज पेश किया गया। उनका कहना था कि भोपाल नवाब हमीदुल्लाह खान ने वर्ष 1946 में यह तालाब सौ वर्षो के लिए लीज पर दिया था। अनावेदकों की तरफ से पेश की गयी लीज डीड की जांच विशेषज्ञों से करवाये जाने की मांग करते हुए उन्होंने जिला न्यायालय के समक्ष आवेदन पेश किया था। इसे जिला न्यायालय ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वर्तमान में इसकी आवश्यकता नहीं है। साक्ष्य के बाद आवश्यक होने पर वह आवेदन कर सकते है।

उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा गया था कि जांच से स्पष्ट हो जाता है लीज डीड फर्जी है और प्रकरण का निराकरण शीघ्र हो जाता। इसके बावजूद जिला न्यायालय ने उनकी मांग खारिज कर दी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it