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मप्र : पेट्रोल-डीजल थोड़ सस्ता, मगर आमजन खुश नहीं

कई राज्यों ने पेट्रोल व डीजल पर वैट कम किए हैं, इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने भी शुक्रवार को दोनों पेट्रो पदार्थो पर लगने वाले मूल्य संवर्धित कर (वैट) को कम करने का ऐलान किया

मप्र : पेट्रोल-डीजल थोड़ सस्ता, मगर आमजन खुश नहीं
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भोपाल। कई राज्यों ने पेट्रोल व डीजल पर वैट कम किए हैं, इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने भी शुक्रवार को दोनों पेट्रो पदार्थो पर लगने वाले मूल्य संवर्धित कर (वैट) को कम करने का ऐलान किया। राज्य में डीजल लगभग चार रुपये और पेट्रोल एक रुपये 62 पैसे सस्ता होगा। सरकार के इस फैसले से किसान और आमजन हालांकि ज्यादा खुश नहीं हैं। वे तो दाम ज्यादा कम होने की उम्मीद लगाए बैठे थे।

राज्य के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ चर्चा की और वैट घटाने का फैसला लिया।

मलैया ने संवाददाताओं को बताया कि डीजल पर लगने वाले वैट को 27 से घटाकर 22 प्रतिशत यानी पांच प्रतिशत कम किया गया है। साथ ही डेढ़ रुपया सेस में कम किया गया है। इससे डीजल लगभग चार रुपये सस्ता हो जाएगा।

मलैया ने आगे बताया कि पेट्रोल पर लगने वाले वैट को 31 प्रतिशत से घटाकर 28 प्रतिशत किया गया है। इस तरह पेटोल पर तीन प्रतिशत वैट कम हुआ है। इससे कीमतों में एक रुपये 62 पैसे का अंतर आएगा।

वित्तमंत्री के मुताबिक, इस फैसले से राज्य सरकार को आगामी छह माह में 1000 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान होगा और सालाना नुकसान 2000 करोड़ रुपये का होगा।

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि इस फैसले से प्रदेशवासियों को राहत मिलेगी। ये दरें शुक्रवार मध्यरात्रि से प्रभावी होंगी। वैट कम होने से डीजल प्रति लीटर जो अभी 63 रुपये 31 पैसे में मिल रहा था, अब 59 रुपये 37 पैसे प्रति लीटर के भाव में मिलेगा। डीजल की कीमतें घटने से माल भाड़े की दरें घटेंगी और वस्तुएं सस्ती होंगी। पेट्रोल पर लगने वाले वैट को भी तीन प्रतिशत कम कर दिया गया है।

दूसरी ओर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने पेट्रोल-डीजल पर राज्य सरकार द्वारा वैट दर घटाए जाने को ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर राहत बताया। उन्होंने कहा, "केंद्र के दबाव में मजबूरी में लिया गया शिवराज सरकार का यह फैसला जनता के साथ छलावा है। आज भी प्रदेश में पेट्रोल-डीजल अन्य राज्यों की तुलना में सबसे महंगा है।

वहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने प्रदेश सरकार के फैसले को जनहितकारी बताया। उनका कहना है कि इस फैसले से किसान और आम आदमी को राहत मिलेगी।

इससे हटकर आमजन व किसानों को भरोसा था कि पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी ज्यादा होगी। छात्रा बीना कहती हैं कि पेट्रोल के दाम एक रुपये 62 पैसे कम किए जाने से किसी को कोई ज्यादा लाभ नहीं होगा, दाम कल फिर बढ़ाए नहीं जाएंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है।

इसी तरह नरेश कुमार का कहना है कि सरकार ने पेट्रोल के दाम एक तरफ 20 रुपये तक बढ़ा दिए और अब एक-दो रुपये की राहत दे रही है। इससे किसी की बचत नहीं होने वाली। सरकार ने वाहवाही लूटने के लिए यह कदम उठाया है, मगर जनता में इस फैसले से खुशी नहीं है।

आम किसान यूनियन के केदार सिरोही का कहना है कि अभी किसानों को राहत की जरूरत है, क्योंकि बुवाई व सिंचाई का समय करीब है। डीजल के दाम कम किए गए हैं, इससे राहत तो मिलेगी, मगर उतनी नहीं, जितनी की उम्मीद थी।


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