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मप्र : पहले मंत्रिमंडल विस्तार, अब विभागों के बंटवारे में विलंब से विपक्ष के साथ अपनों ने उठाए सवाल

मध्यप्रदेश में पहले मंत्रिमंडल विस्तार में हुई देरी और उसके बाद विभाग वितरण में हो रहे विलंब के चलते सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि भाजपा के नेता भी सवाल उठाने लगे हैं

मप्र : पहले मंत्रिमंडल विस्तार, अब विभागों के बंटवारे में विलंब से विपक्ष के साथ अपनों ने उठाए सवाल
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भोपाल। मध्यप्रदेश में पहले मंत्रिमंडल विस्तार में हुई देरी और उसके बाद विभाग वितरण में हो रहे विलंब के चलते सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि भाजपा के नेता भी सवाल उठाने लगे हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के छह दिन बाद भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विभागों का बंटवारा नहीं कर पाए हैं।

शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में कहने के लिए तो 33 मंत्री हैं, मगर सिर्फ पांच मंत्री ही ऐसे हैं, जिनके पास विभागों की जिम्मेदारी है। बाकी सभी 28 मंत्री बिना विभागों के हैं। इन मंत्रियों ने लगभग छह दिन पहले शपथ ली थी, मगर अब तक विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है।

मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार में शपथ लेने वाले 20 कैबिनेट और आठ राज्य मंत्रियों को विभाग वितरित किए जाने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली का प्रवास किया। वह दो दिन तक दिल्ली में रहे और इस दौरान उनकी केंद्रीय नेतृत्व के कई नेताओं से मुलाकात हुई और संभावना यह जताई जा रही थी कि विभागों का वितरण जल्दी हो जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने स्वयं दिल्ली में कहा था कि भोपाल लौटते ही विभागों का वितरण कर दिया जाएगा, मगर ऐसा नहीं हो पाया। मंगलवार को भोपाल लौटने के बाद चौहान ने कहा था कि वर्कआउट कर रहा हूं और जल्दी ही विभागों का वितरण हो जाएगा, लेकिन अभी तक कुछ सामने नहीं आया है। अब गुरुवार को कैबिनेट की बैठक होने वाली है, संभावना है कि उससे पहले विभाग बांट दिए जाएंगे।

इसी बीच पूर्व मंत्री और जबलपुर के पाटन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अजय विश्नोई का ट्वीट सामने आया है, जिसमें उन्होंने दूसरे दल से आए नेताओं को मंत्री बनाए जाने और उसके बाद विभागों के वितरण से पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ने की बात कही है। विश्नोई ने कहा है "पहले मंत्रियों की संख्या और अब विभागों का बंटवारा। मुझे डर है कही भाजपा का आम कार्यकर्ता हमारे नेता की इतनी बेइज्जती से नाराज न हो जाए। नुकसान हो जाएगा।"

मंत्रियों के विभागों के वितरण में हो रही देरी पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भी तंज कसा है। उनका कहना है कि पहले सरकार बनाने में सौदेबाजी हुई, सौदे से मंत्रिमडल बना और अब विभागों के वितरण में सौदेबाजी चल रही है।

प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि "जल्दी ही विभागों का बंटवारा हो जाएगा। भाजपा की एक पद्घति है, तरीका है कार्य करने का, सबसे सलाह मशविरा करके ही यह पार्टी चलती है। यह पार्टी कोई परिवार नहीं है, व्यक्ति नहीं है, यह समूह है, जो परस्पर चर्चा के बाद आगे बढ़ती है। विभागों का बंटवारा भी जल्द कर लिया जाएगा।"


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