Top
Begin typing your search above and press return to search.

MP News: न्यूज़ीलैंड में 4 गोल्ड जीत मुस्कान खान ने पिता का सपना पूरा किया

पिता ने उसे पावर लिफ्टिंग की तैयारी करवाई। और आज इस बेटी ने चार गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास तो रचा ही साथ ही अपने पिता के सपने को भी पूरा किया।

MP News: न्यूज़ीलैंड में 4 गोल्ड जीत मुस्कान खान ने पिता का सपना पूरा किया
X
गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: शिवपुरी के छोटे गांव मझेरा की बेटी मुस्कान खान ने न्यूजीलैंड में चल रही अंतरराष्ट्रीय वेट लिफ्टिंग चैम्पियनशिप में अपने सभी इवेंट में गोल्ड मैडल जीतते चार गोल्ड मैडल अपने नाम किये हैं। चार गोल्ड मेडल जीतकर मुस्कान ने न सिर्फ शिवपुरी बल्कि पूरे देश का नाम भी रोशन किया है। मुस्कान की इस उपलब्धि के पीछे एक पिता पुत्री की ऐसी कहानी है जो अब तक आपने फिल्मों में ही देखी होगी।
मुस्कान ने यूँ कर दिखाया कमाल

ओपन गेम फेडरेशन द्वारा न्यूजीलैंड में 24 नवंबर से 4 दिसम्बर तक आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में मझेरा की मुस्कान खान का चयन हुआ। मुस्कान ने 63 किग्रा सब जूनियर ग्रुप में खेलते हुए वेट लिफ्टिंग की। इसी क्रम में उसने स्काट में 105 किग्रा वजन उठाया तो बेंच प्रेस में 57.5 किलो वजन उठाया। इसके बाद मुस्कान की डेड लिफ्ट 120 किलो की रही। मुस्कान ने अपने वर्ग में तीनों इवेंट में सर्वाधिक वजन उठा कर तीनों इवेंट में गोल्ड जीते। इसके अलावा उसे टोटल इवेंट में भी गोल्ड मिला। 63 किलोग्राम वर्ग में किसी भी इवेंट में कोई उससे अधिक वजन नहीं उठा पाया।

पिता के जज्बे और बेटी के गोल्ड की दिलचस्प कहानी

मुस्कान के पिता मोहम्मद दारा खान की बचपन से ही खेलों में रूचि थी। वह हैंडबाल के खिलाड़ी थे और तीन बार हैंडबाल में स्टेट खेली। इसी के चलते उनका चयन खेल कोटे से सीआरपीएफ में एसआई पद पर हुआ। उन्होंने भारत के लिए गोल्ड मैडल लाने का सपना अपनी आंखों में सजा रखा था, लेकिन मोहम्मद दारा खान सीआरपीएफ ज्वाइन कर पाते उससे पहले ही एक हादसे में उनके हाथ की अंगुलियां खराब हो गईं।

मोहम्मद दारा खान के घर बेटी मुस्कान का जन्म हुआ और उसे भी पिता की तरह खेलों से बहुत प्यार रहा। बस बेटी के अंदर इस पिता ने अपने गोल्ड मेडल जीतने के सपने को जिंदा रखा। बेटी भी पिता के हर ख़्वाब को हकीकत में बदलने के लिए तैयार रही। बेटी ने पहले हैंडबाल खेलना शुरू किया और बाद में पिता ने उसे पावर लिफ्टिंग की तैयारी करवाई। और आज इस बेटी ने चार गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास तो रचा ही साथ ही अपने पिता के सपने को भी पूरा किया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it