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मप्र : प्रेमी युगलों से लूटपाट, दुष्कर्म करने वाले गिरोह का हुआ भंडाफोड़

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो जंगलों में मौज-मस्ती करने आने वाले युगलों को अपना निशाना बनाता था।

मप्र : प्रेमी युगलों से लूटपाट, दुष्कर्म करने वाले गिरोह का हुआ भंडाफोड़
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बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो जंगलों में मौज-मस्ती करने आने वाले युगलों को अपना निशाना बनाता था। इस गिरोह के सदस्य डरा धमकाकर लूट तो करते ही थे, युवतियों को अपनी हवस का शिकार भी बनाते थे।

पुलिस ने आज कहा कि छह सितंबर को एक युवती ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह चार सितंबर को अपने दोस्त के साथ बोलेरो से रानीपुर रोड की ओर गई थी, तब चिखलार के जंगल में चार अज्ञात लोगों ने कट्टे की नोक पर दोनों को अगवा कर लिया और वे दोनों को सिहारी के जंगल में ले गए। वहां उनके साथ मारपीट कर उनसे एक हजार रुपये और पर्स लूट लिए गए तथा लुटेरों ने युवती के साथ दुराचार का प्रयास भी किया।

युवती की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दुराचार के प्रयास एवं लूट का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की।

पुलिस के मुताबिक, प्रेमी युगल से लूटपाट और दुष्कर्म के प्रयास के मामले पर पुलिस अधीक्षक कार्तिकेयन ने आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए, जिस पर रविवार रात पुलिस ने सात बदमाशों -अमर उईके, गजानंद उईके, मंगल उईके, संतोष उर्फ गब्बू धुर्वे, मनीष उईके(37), दिलीप उर्फ संतोष तथा गोलू उर्फ जगदीश को गिरफ्तार किया।

आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को कहा कि रानीपुर रोड स्थित चिखलार एवं सिहारी के जंगल में वे दो-दो का गिरोह बनाकर छिप जाते थे। प्रेमी जोड़ों के जंगल में एकांत में पहुंचते ही वे मोबाइल से उनके फोटो खींचते थे और वीडियो बनाते थे तथा डरा-धमकाकर प्रेमी युगलों के साथ लूटपाट करते थे। आरोपियों ने युवतियों के साथ दुराचार की वारदातों को अंजाम देना भी स्वीकार किया।

कोतवाली टीआई (टाउन इंस्पेक्टर) राजेन्द्र धुर्वे ने आज कहा, "चूंकि बीते वषरें के दौरान प्रेमी युगलों के साथ मारपीट, युवतियों के साथ दुराचार की वारदातों को लेकर किसी ने शिकायत नहीं की थी। इसलिए बदमाशों के हौसले बुलंद होते गए और वे वारदातों को अंजाम देते रहे। गिरफ्तार बदमाशों का पूर्व में कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है, जिसके कारण जघन्य वारदातों को अंजाम देने के बाद भी वे कभी पुलिस की नजर में नहीं आ पाए।


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