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मप्र : कमलनाथ ने बिजली कटौती पर चिंता जताई

कमलनाथ ने आज यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल के साथ राज्य में अघोषित विद्युत कटौती पर बैठक की

मप्र : कमलनाथ ने बिजली कटौती पर चिंता जताई
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भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल के साथ राज्य में अघोषित विद्युत कटौती पर बैठक की। बैठक में दोनों पक्षों ने बिजली कटौती से आमजन को हो रही परेशानी और छवि पर पड़ रहे असर पर चिंता जताई। मध्य प्रदेश में पिछले कुछ अरसे से अघोषित बिजली कटौती जारी है, और इससे राज्य सरकार और बिजली विभाग से जुड़ी कंपनियों की छवि प्रभावित हो रही है।

राज्य के विभिन्न बिजली संगठनों के संयुक्त संगठन यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ व विभागीय अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की। बैठक में राज्य में बिजली की उपलब्धता और मांग पर विस्तार से चर्चा हुई। कमलनाथ ने प्रतिनिधि मंडल से साफ कहा कि बिजली कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें और सरकार उनके हितों का संरक्षण करेगी।

सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से कहा, "शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिले। वे संतुष्ट हों और विद्युत विभाग की खराब छवि में सुधार आए। इसके लिए सभी विद्युत वितरण कंपनियों के कर्मचारी समर्पण के साथ काम करें।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "विद्युत विभाग में काम कर रहे सभी कर्मियों को आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार तत्पर है। प्रदेश और उपभोक्ताओं के हित के साथ विद्युत कर्मियों की परेशानी दूर करने के लिए सरकार हर वह निर्णय लेगी, जिससे विद्युत वितरण की व्यवस्था को और ज्यादा सु²ढ़ बनाया जा सके।"

कमलनाथ ने कहा, "बिजली की अघोषित कटौती और विद्युत वितरण व्यवस्था सुचारु न होने के कारण सरकार को नागरिकों की आलोचना का शिकार होना पड़ा है। जरूरत इस बात की है कि विद्युत विभाग अपनी छवि सुधारने के लिए काम-काज में व्यापक सुधार लाए।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "सरकार का सबसे ज्यादा जोर प्रदेश में विद्युत व्यवस्था स्थाई रूप से सु²ढ़ बनाने पर है। इसके लिए दीर्घकालीन उपायों पर विचार करना होगा। मांग और आपूर्ति के बीच में सामंजस्य लाना होगा। ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में हो रहे घाटे को कम करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाने होंगे। विद्युत चोरी पर भी शक्ति के साथ अंकुश लगाना होगा। उच्च गुणवत्ता के उपकरण ही खरीदे जाएं।"

उन्होंने कहा, "सरकार सब्सिडी की बड़ी राशि विद्युत मंडल को दे रही है। उसके बाद भी कृषि और गैर कृषि क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था को लेकर असंतोष है। यह चिंता का विषय है।"

फेडरेशन के संयोजक वी. के. एस. परिहार ने आईएएनएस को बताया, "मुख्यमंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल की सकारात्मक चर्चा हुई है। बिजली विभाग व्यवस्था में सुधार लाने के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने एक माह के बाद फिर मुलाकात करने को कहा है। बिजली विभाग अपनी जिम्मेदारी का बेहतर तरीके से निर्वहन करने के बाद मुख्यमंत्री से अपनी समस्याओं और मांगों पर चर्चा करेगा।"


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