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मप्र भाजपा में बदलाव की बयार, युवाओं के हाथ नेतृत्व की पतवार!

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई की कमान नए चेहरे के हाथ सौंपे जाने के बाद अब पूरे प्रदेश संगठन का स्वरूप बदलने लगा है

मप्र भाजपा में बदलाव की बयार, युवाओं के हाथ नेतृत्व की पतवार!
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भोपाल। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई की कमान नए चेहरे के हाथ सौंपे जाने के बाद अब पूरे प्रदेश संगठन का स्वरूप बदलने लगा है। बदलाव की एक ताजी बयार चल पड़ी है, और इस बयार के केंद्र में हैं पार्टी के युवा और कर्मठ कार्यकर्ता। राज्य के 22 जिलों में जिन 24 अध्यक्षों की नियुक्ति हुई है, वे सभी नए और युवा हैं।

भाजपा ने काफी कश्मकश के बाद राज्य में पिछले पांच अध्यक्षों के मुकाबले उम्र के मामले में युवा विष्णु दत्त शर्मा को कमान सौंपी। उन्हें यह कमान विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद सौंपी गई और पार्टी हाईकमान का मकसद राज्य के संगठन को मजबूत करना था। सत्ता से बाहर हुई भाजपा को 15 माह बाद एक बार फिर सत्ता मिल गई है, तो संगठन की अहमियत पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा बढ़ गई है।

भाजपा ने सत्ता में आने के बाद संगठन के स्वरूप में बड़ा बदलाव लाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष शर्मा और प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुहास भगत मिलकर संगठन को नया स्वरूप देने में जुट गए हैं और उसकी शुरुआत दो दिन पहले 22 जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति से हुई है। दो जिलों में दो-दो अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं।

भाजपा ने जिन 22 जिलों में 24 अध्यक्ष नियुक्त किए हैं, उनमें से अधिकांश 40 वर्ष की आयु के आसपास के हैं और वे कहीं न कहीं संघ अथवा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की पृष्ठभूमि के हैं। प्रदेशाध्यक्ष शर्मा और महामंत्री सुहास भगत तो संघ की पृष्ठभूमि के हैं ही।

नए चेहरों को जगह दिए जाने के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष शर्मा का कहना है, "जहां तक नई पीढ़ी को जिम्मेदारी सौंपने की बात है, तो पार्टी में हमेशा समय अनुकूल परिवर्तन होते हैं। संगठन के लिए जरूरी होता है और सामूहिक तौर पर यह मंथन चलता ही रहता है कि अच्छे कार्यकर्ताओं को कहां पर कौन सा-काम और अवसर दिया जाना चाहिए। यह सब सहज रूप से होता रहता है।"

राजनीतिक विश्लेषक साजी थामस का मानना है, "भाजपा आने वाले दो दशकों के लिए अभी से संगठन को मजबूत करने तैयारी करके चल रही है। यही कारण है कि राज्य में जहां युवा को प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है, वही जिला इकाइयों के अध्यक्ष भी युवा बनाए जा रहे हैं। ऐसा करके पार्टी युवाओं की ऊर्जा का उपयोग तो करना ही चाहती है, साथ में नए कार्यकर्ताओं को यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि जरूरी नहीं है कि जब उम्र ज्यादा हो, तभी संगठन में जिम्मेदारी मिले। वास्तव में यह बदलती भाजपा का चेहरा किया।"


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