मप्र : गौ-शालाएं खोलने के निर्णय को गौ-सेवकों ने बताया ऐतिहासिक
मध्य प्रदेश में आगामी चार माह में 1,000 गौशालाएं खोलने के सरकार के फैसले से गौ-सेवक प्रसन्न हैं। सभी ने सरकार के इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ का आभार मानते हुए इसे ऐतिहासिक करार दिया है

भोपाल। मध्य प्रदेश में आगामी चार माह में 1,000 गौशालाएं खोलने के सरकार के फैसले से गौ-सेवक प्रसन्न हैं। सभी ने सरकार के इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ का आभार मानते हुए इसे ऐतिहासिक करार दिया है। राज्य सरकार के फैसले पर जैन मुनि आचार्य विद्यासागर ने प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि इससे मूक-पशु गाय का संरक्षण होगा। उन्हें आश्रय मिलेगा। उन्होंने इस निर्णय को प्रेरक बताया है।
ग्वालियर के लाल टिपारा में नगर निगम की गौ-शाला में सात हजार गौ-वंश की देखभाल कर रही श्री कृष्णायन संस्था के महंत स्वामी ऋषभ देवानंद ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की पहल सराहनीय और संघर्षमय है। उन्होंने सुझाव दिया कि गौ-वंश के संरक्षण के लिए गोचर की व्यवस्था और प्रबंधन के साथ ही इस काम में सेवाभावी संतों को जोड़ा जाए, तो मुख्यमंत्री अपने प्रोजेक्ट गौ-शाला को साकार कर सकेंगे।
इंदौर में अहिल्या माता गौ-शाला संचालित करने वाले रवि सेठी ने कहा कि वह वर्षो से गौ-संरक्षण एवं गौ-उत्पाद के क्षेत्र में सेवा की भावना से काम कर रहे हैं। राज्य सरकार ने गौ-संरक्षण और निराश्रित गायों के लिए जो कदम उठाया है, वह अच्छी सोच के साथ सकारात्मक पहल है। उनके इस अभियान में अहिल्या माता गौ-शाला पूरा सहयोग प्रदान करेगी।
छतरपुर जिले के ग्राम पंचायत कुर्रा पट्टी के ग्राम सपन पट्टी में राधारानी गौ-शाला संचालित करने वाले उत्तम यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस निर्णय से गौ-माता के संरक्षण के प्रयास न केवल साकार होंगे, बल्कि गौ-धन की रक्षा हो सकेगी।
यादव ने बताया कि उनकी 11 लोगों की समिति वर्तमान में 30-35 गायों का पालन कर रही है।
ज्ञात हो कि, राज्य में आगामी चार माह में 1000 गौ-शालाएं खोलने का सरकार ने लक्ष्य तय किया है। इन गौ-शालाओं में लगभग एक लाख निराश्रित गौवंश (गाय) को रखा जाएगा। कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले चुनाव के दौरान गौ-शालाएं खोलने का वचन दिया था।


