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मप्र सरकार ने नेमावर हत्याकांड की सीबीआई जांच की सिफारिश की

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को 'नेमावर नरसंहार' मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसमें इस साल मई में देवास जिले में एक दलित आदिवासी परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी

मप्र सरकार ने नेमावर हत्याकांड की सीबीआई जांच की सिफारिश की
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भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को 'नेमावर नरसंहार' मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसमें इस साल मई में देवास जिले में एक दलित आदिवासी परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी। सीबीआई जांच की सिफारिश छह महीने से अधिक समय बाद हुई है। पांच लोगों की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। उनके कंकाल देवास जिले के नेमावर शहर में 10 फीट गहरे गड्ढे से निकाले गए थे। पुलिस को कंकाल निकालने के लिए जेसीबी मशीन लगानी पड़ी थी।

इस घटना ने उस समय न केवल राज्य के पूरे आदिवासी बहुल इलाकों को हिलाकर रख दिया था, बल्कि सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच राजनीतिक तनाव पैदा कर दिया था। कांग्रेस इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रही थी। अभी तक इस मामले को राज्य पुलिस देख रही थी।

मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला ऐसे समय में आया है, जब पीड़ित परिवार की अकेली जीवित सदस्य भारती कसदे ने 1 जनवरी से 'न्याय यात्रा' निकालने की घोषणा की है। उन्होंने कहा, "इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है, लेकिन यह मेरे परिवार के साथ केवल आधा न्याय है। इसलिए 1 जनवरी से न्याय यात्रा शुरू की जाएगी।"

जिन पांच लोगों के कंकाल एक गड्ढे से बरामद किए गए, उनकी पहचान ममता बाई कस्ते (45), उनकी बेटियों रूपाली (21) और दिव्या (14) के साथ-साथ रिश्तेदार पूजा ओसवाल (15) और पवन ओसवाल (14) के रूप में हुई।

पुलिस ने इस सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार किया था। राज्य सरकार ने पीड़ितों के परिवार को 41 लाख रुपये का मुआवजा दिया है।

पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी सुरेंद्र चौहान का रूपाली के साथ संबंध था और वह नेमावर में उनके घर भी आता था। चौहान ने पवन को रूपाली और उसके परिवार के सदस्यों को उस स्थान पर ले जाने के लिए मना लिया। वहां पहुंचने पर उन्हें एक गड्ढे के अंदर उतार दिया गया, मार दिया गया और दफन कर दिया गया।

पुलिस ने कहा कि हत्यारों ने आरोपियों के शवों को नमक और यूरिया से ढक दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे जल्द से जल्द सड़ जाएं।

पुलिस ने इससे पहले कहा था, "सुरेंद्र का रूपाली के साथ अफेयर था, लेकिन वह किसी और से शादी करने वाला था। जब रूपाली को इस बारे में पता चला, तो उसने अपने नंबर के साथ सुरेंद्र की मंगेतर की एक तस्वीर सोशल नेटवर्किं ग साइट पर पोस्ट की, जिससे सुरेंद्र नाराज हो गया। उसने उसे खत्म करने की योजना बनाई।"

पुलिस ने यह भी कहा था कि सुरेंद्र और अन्य लोगों को संदेह था कि ये सभी उसकी सगाई तोड़ने की साजिश रच रहे थे।


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