मप्र : दलित आंदोलन के दौरान व्यापक हिंसा, 6 मरे
ग्वालियर के कलेक्टर राहुल जैन ने जिले में तीन लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। उन्होंने आईएएनस से कहा, दो लोगों की मौत ग्वालियर शहर में और एक व्यक्ति की मौत डबरा कस्बे में आपसी झड़प के दौरान हुई ह

भोपाल। एससी/एसटी कानून को कमजोर करने वाले सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सोमवार को आहूत भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल जिलों में कई स्थानों पर भड़की हिंसा में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शांति की अपील की है। हिंसा को देखते हुए राज्य के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है, और इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है। राज्य में सर्वाधिक हिंसा ग्वालियर, मुरैना और भिंड में देखी गई।
ग्वालियर के कलेक्टर राहुल जैन ने जिले में तीन लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। उन्होंने आईएएनस से कहा, "दो लोगों की मौत ग्वालियर शहर में और एक व्यक्ति की मौत डबरा कस्बे में आपसी झड़प के दौरान हुई है।"
जैन कहा कि तीनों मौतें आपसी रंजिश में हुई है, जिसमें पुलिस की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि जिले में कुल 62 लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है।
चंबल क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) संतोष सिंह ने मुरैना और भिंड में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प में तीन लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है।
उन्होंने आईएएनएस को बताया, "मुरैना में एक और भिंड में दो व्यक्तियों की मौत हुई है। लेकिन मौत के कारणों का पता अभी नहीं चल पाया है। मुरैना शहर और भिंड के पांच कस्बों में कर्फ्यू लागू है। हालात पर बराबर नजर रखी जा रही है।"
पुलिस के अनुसार, ग्वालियर में विरोध प्रदर्शन के हिंसक रूप अख्तियार करने के बाद तीन थाना क्षेत्रों -थाटीपुर, गोला का मंदिर व मुरार में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है। इन इलाकों में बड़ी संख्या में वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की खबर है।
राज्य की राजधानी भोपाल में भी बोर्ड आफिस चौराहे पर बड़ी संख्या में आंदोलनकारी जमा हो गए। आंदोलनकारियों को हटाने में पुलिस नाकाम दिखाई दे रही है। सागर में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। आंदोलनकारियों ने कई जगह रेलगाड़ियों को भी रोक दिया है।
इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज ने राज्य के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और राज्य के हालात की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की है।
राजधानी भोपाल के बोर्ड ऑफिस चौराहे पर बड़ी संख्या में आंदोलनकारी जमा रहे। पुलिस उन्हें हटाने में नाकाम रही। सागर में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसी तरह इंदौर सहित अन्य स्थानों से भी आंदोलन की सूचनाएं आ रही हैं। इसके अलावा ट्रेनों को जगह-जगह रोका जा रहा है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, ग्वालियर-चंबल संभाग में हुए हिंसक आंदोलन के चलते रेल यातायात प्रभावित हुआ है। मुरैना में छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस केा कई घंटों तक रोके रखा, पटरियों पर उतरे लोगों ने रेल यातायात को पूरी तरह बाधित कर दिया है, इसके चलते दिल्ली-मुंबई मार्ग पर रेल गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह बंद है। मुंबई की ओर से आने वाली गाड़ियों को ग्वालियर से पहले और दिल्ली की ओर से आने वाली गाड़ियों को आगरा तथा उससे पहले ही रोका जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, प्रशासन की हिदायत पर राज्य के बड़े हिस्से की इंटरनेट सेवाओं को बंद तो कुछ स्थानों पर इसे कमजोर कर दिया गया है, जिससे लोग सोशल मीडिया के जरिए जानकारियों को वायरल न कर सकें। इतना ही नहीं, ग्वालियर-चंबल संभाग का प्रशासन व राज्य सरकार वास्तविक जानकारियों पर पर्दा डालने की कोशिश में जुटा हुआ है।
मुख्यमंत्री शिवराज ने प्रदेशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, "भारत सरकार द्वारा आज सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन फाइल कर दी गई है। जनता से अनुरोध है कि वे शांति बनाए रखें। हमारी सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।"
मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की बैठक बुलाकर हालात की समीक्षा की। सवाल उठ रहा है कि क्या राज्य की खुफिया एजेंसियां अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहीं।


