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मप्र मंत्रिमंडल विस्तार पर तपते मौसम में कुहासा

मध्यप्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार एक बार फिर अटकने के आसार बनने लगे हैं। इसकी बड़ी वजह राज्यपाल लालजी टंडन का अस्वस्थ होना माना जा रहा है

मप्र मंत्रिमंडल विस्तार पर तपते मौसम में कुहासा
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भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार एक बार फिर अटकने के आसार बनने लगे हैं। इसकी बड़ी वजह राज्यपाल लालजी टंडन का अस्वस्थ होना माना जा रहा है।

राज्य में भाजपा को सत्ता में आए लगभग तीन माह होने को है। शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एक माह तक अकेले सरकार चलाई और उसके बाद पांच मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। पिछले डेढ़ माह से दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद और चर्चाएं जोरों पर हैं। दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा के प्रमुख नेताओं के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 10 लोगों को मंत्री बनाया जाना है।

लंबे अरसे से इस बात की संभावना जताई जा रही है कि राज्यसभा चुनाव के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा। राज्यसभा के चुनाव 19 जून को होने वाले हैं और उसके तुरंत बाद एक दो दिन के भीतर मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाएं बनी हुई हैं। राज्यपाल लालजी टंडन भी 19 जून तक अवकाश पर हैं।

सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल का लखनऊ प्रवास के दौरान अचानक स्वास्थ्य बिगड़ गया और वे वहां अस्पताल में भर्ती हैं। राज्यपाल अगर स्वस्थ होकर 20 जून तक भोपाल लौट आते हैं तो मंत्रिमंडल विस्तार जल्दी ही हो जाएगा, नहीं तो यह कुछ दिन आगे बढ़ सकता है।

राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटेरिया का कहना है कि राज्यपाल जब लंबे अवकाश पर जाते हैं तो उसके पड़ोसी राज्य के राज्यपाल को प्रभार सौंपकर आवश्यक कार्य पूरा करा लिया जाता है। इसके लिए आवश्यक होता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय इस बाबत एक अधिसूचना जारी करे।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल टंडन के 19 जून तक अवकाश पर हैं और उसके बाद उनके लौटने की संभावना बनी हुई है, इसलिए इतना तो तय है कि 20 जून तक तो मंत्रिमंडल विस्तार होने के आसार कम ही है।

ज्ञात हो कि मार्च में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के कारण कांग्रेस की सरकार गिरी थी और भाजपा सत्ता में लौट आई। तत्कालीन 22 विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। सिंधिया समर्थक दो लोग मंत्री बन चुके हैं और लगभग और 10 लोगों को मंत्री बनाया जाना है। वहीं भाजपा के पास भी वरिष्ठ और दावेदारों की कमी नहीं है, इसके चलते भाजपा में भी खींचतान चल रही है। यही कारण है कि अब तक मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार नहीं हो पाया है।

सूत्रों का कहना है कि सिंधिया का भी पिछले दिनों स्वास्थ्य बिगड़ा और उनका निकट भविष्य में भोपाल आने का कोई कार्यक्रम नहीं है, वहीं राज्यपाल भी अस्वस्थ हैं, इसलिए मंत्रिमंडल का विस्तार राज्यसभा चुनाव के तुरंत बाद हो ऐसा, संभव नहीं लगता है। फिर भी संभावना इस बात की ज्यादा है कि जून माह के अंत तक विस्तार हो जाए, क्योंकि जुलाई माह में विधानसभा का मानसून सत्र प्रस्तावित हैं।


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