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मप्र : सीएए के खिलाफ अल्पसंख्यक नेताओं के इस्तीफे से भाजपा चिंतित

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के पक्ष में माहौल बनाने में जुटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चिंता अल्पसंख्यक नेताओं के इस्तीफों ने बढ़ा दी है

मप्र : सीएए के खिलाफ अल्पसंख्यक नेताओं के इस्तीफे से भाजपा चिंतित
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भोपाल। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के पक्ष में माहौल बनाने में जुटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चिंता अल्पसंख्यक नेताओं के इस्तीफों ने बढ़ा दी है। बढ़ते असंतोष को कैसे रोका जाए, इसके लिए पार्टी ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राकेश सिंह ने राज्य भर के अल्पसंख्यक नेताओं की बैठक बुलाई। इसमें तय किया गया है कि पार्टी के अल्पसंख्यक नेता जमीनी स्तर पर जाकर लोगों को कानून की वास्तविकता बताएंगे।

भाजपा सीएए के समर्थन में अभियान चलाए हुए है, जिसके तहत पार्टी के नेता और कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं और इस नए कानून को लेकर लोगों के मन में बैठी तमाम शंकाओं को दूर करने के प्रयास में जुटे हैं। इसी बीच इंदौर, जबलपुर, खरगोन, बुरहानपुर आदि क्षेत्र से कई अल्पसंख्यकों के पार्टी से इस्तीफा देने की बात सामने आई है। इससे पार्टी चिंतित है और चाहती है कि अब अल्पसंख्यक वर्ग के नेता ही सड़कों पर उतरकर सीएए के समर्थन में माहौल बनाएं।

सिंह ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में माना कि अल्पसंख्यक नेताओं की बैठक हुई है, जिसमें तय हुआ है कि अल्पसंख्यक वर्ग के बीच पहुंचकर लोगों को बताया जाएगा कि कांग्रेस अपने लाभ के लिए दुष्प्रचार करने में लगी है।

जब उनसे कई नेताओं के पार्टी छोड़ने से संबंधित सवाल किया गया तो उनका कहा था कि "यह कानून संसद में पारित हो चुका है और राजपत्र में प्रकाशित किया जा चुका है। जो लोग इससे सहमत नहीं हैं, उनका पार्टी से कोई संबंध नहीं है।"


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