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मप्र : भाजपा के अभियान के दूसरे दिन 36 हजार कार्यकर्ता पार्टी में शामिल

भारतीय जनता पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई ने ग्वालियर-चंबल अंचल में चलाए गए सदस्यता अभियान के दूसरे दिन 36 हजार से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने का दावा किया है

मप्र : भाजपा के अभियान के दूसरे दिन 36 हजार कार्यकर्ता पार्टी में शामिल
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ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई ने ग्वालियर-चंबल अंचल में चलाए गए सदस्यता अभियान के दूसरे दिन 36 हजार से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने का दावा किया है। भाजपा नेताओं ने आगामी समय में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस से मुकाबला के लिए पूर्ववर्ती कमल नाथ सरकार की कथित वादाखिलाफी, भ्रष्टाचार और विश्वासघात को मुद्दा बनाने के भी संकेत दे दिए हैं।

राज्य में कांग्रेस की कमल नाथ सरकार को गिराने में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अहम भूमिका रही है। उनके समर्थक 22 विधायकों ने एक साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था, जिससे मार्च में कांग्रेस की सरकार गिर गई और भाजपा की शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सत्ता में वापसी हुई।

सिंधिया भाजपा में शामिल होने और राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद इन दिनों अपने पहले ग्वालियर दौरे पर हैं। इस मौके पर भाजपा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल करने के लिए तीन दिन का सदस्यता अभियान चला रही है। भाजपा का दावा है कि सदस्यता अभियान के दूसरे दिन रविवार को 14 विधानसभा क्षेत्रों के 35 हजार 843 कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा एवं वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नए कार्यकर्ताओं का स्वागत किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने पार्टी की सदस्यता लेने वाले कार्यकर्ताओं से कहा, "कांग्रेस ने, कमलनाथ ने, ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की जनता और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ जो विश्वासघात किया है, उसका हिसाब ब्याज सहित उपचुनावों में वसूल कर लें।"

चौहान ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है, यही कारण है कि यहां बूथ अध्यक्ष भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है, लेकिन दशकों से कांग्रेस में एक ही परिवार के व्यक्ति अध्यक्ष बने बैठे हैं। जवाहरलाल नेहरू, फिर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, फिर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और फिर सोनिया गांधी अध्यक्ष बनीं। कांग्रेस में सिर्फ 'मोहम्मद की टोपी अहमद के सिर और अहमद की टोपी मोहम्मद के सिर' की परंपरा है।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा, "आनेवाला उपचुनाव प्रदेश को बचाने का चुनाव है। इसमें हमारी लड़ाई दिग्विजय-कमल नाथ की झूठमंडली से है। इसलिए आज ये संकल्प लें कि आने वाले चुनाव में दलालों, झूठ बोलने वालों को जवाब देंगे और सभी 27 सीटों पर भाजपा को जीत दिलाएंगे।"

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आनेवाले उपचुनाव को चुनौती बताया और इसे स्वीकार करने का आह्वान किया।

वहीं, वरिष्ठ नेता सिंधिया ने कहा, "मैं अपनी दादी और पिता की तरह जनता का सेवक हूं, कुर्सी का सेवक नहीं। यदि मैं कुर्सी का सेवक होता, तो जब कमल नाथ व दिग्विजय ने मुझे डिप्टी सीएम बनने का प्रस्ताव दिया था, तो मैं स्वीकार कर लेता। लेकिन मुझे पता था कि सरकार में जो लोग बैठे हैं, वे प्रदेश का क्या हश्र करने वाले हैं और उसका भार मैं अपने ऊपर नहीं लेना चाहता था।"


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