मोरनी सामूहिक बलात्कार घटना सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली हैं: अभाजमस
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने मोरनी के एक गैस्ट हाउस में बंधक बनाकर 22 वर्षीय विवाहिता के साथ चार दिन तक 40 लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार किए जाने की कड़ी निंदा की

चंडीगढ़। अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने मोरनी के एक गैस्ट हाउस में बंधक बनाकर 22 वर्षीय विवाहिता के साथ चार दिन तक 40 लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार किए जाने की कड़ी निंदा करते हुए आज कहा कि यह घटना सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है तथा पुलिस का रवैया संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।
समिति की हरियाणा महासचिव सविता व अध्यक्ष शकुंतला जाखड़ ने यहां जारी बयान में कहा कि समिति मांग करती है कि पूरी घटना की निष्पक्ष जांच करते हुए सभी दोषियों की कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने रिपोर्ट दर्ज न करने वाले पुलिसकर्मियों पर भी अपराधिक मामले दर्ज किए जाने की मांग की।
पंचकूला जिले के मोरनी इलाके के गेस्ट हाउस में इस बर्बर घटना को अंजाम दिया गया जिसमें पीड़िता ने किसी तरह से भागकर अपनी जान बचाई और जब वह पति के साथ पंचकूला थाने पंहुची तो पुलिस द्वारा पीड़िता की रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की गई।
सविता के अनुसार मोरनी हिल्स में पहले भी बलात्कार व अन्य अपराधों की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। मोरनी के होटल, गेस्ट हाउस अय्याशी के अड्डे बने हुए हैं तथा यह सब पुलिस प्रशासन व राजनेताओं की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य भर में इस तरह के अपराधिक घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार हर 21 मिनट में एक महिला बलात्कार का शिकार हो रही है। प्रति लाख महिलाओं के हिसाब से हरियाणा देश में सामूहिक बलात्कार के मामलों में पहले स्थान पर है।
समिति ने आरोप लगाया कि पिछले दिनों आई सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक भारत देश दुनिया में महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक जगह है परंतु सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी सरकार बच्चियों व महिलाओं की सुरक्षा का दंभ भरते नहीं थकती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ व बहुत हुए महिलाओं के साथ अत्याचार, अबकी बार मोदी सरकार जैसे बड़े-2 नारे दिए हैं लेकिन सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये हैं। कानून व्यवस्था चरमराई हुई है, अपराधी बेखैफ घूम रहे हैं और अदालतों में भी बलात्कार के मामले सालों साल लटके रहते हैं। यहां तक कि पीड़ित महिलाओं के लिए बनाया गया निर्भया फंड भी इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि संगठन मांग करता है महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से कड़े कदम उठाए जाएं। जे.एस. वर्मा कमीशन की रिपोर्ट को लागू किया जाए।


