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सभी समुदाय का विकास कर अधिकार संपन्न बनाना मकसद : नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर ने आजादी की लड़ाई में अपनी महती भूमिका निभाई, इसके बाद हुए समाजवादी आन्दोलन में उनकी जो भूमिका रही है

सभी समुदाय का विकास कर अधिकार संपन्न बनाना मकसद : नीतीश
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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डाॅ. राम मनोहर लोहिया, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, बाबा साहब डाॅ. भीमराव आंबेडकर और जननायक कर्पूरी ठाकुर जैसी हस्तियों को अपनी प्रेरणा का स्रोत बताया और कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य सभी समुदाय के लोगों का विकास कर उन्हें अधिकार संपन्न बनाना है।

श्री कुमार ने यहां श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित जननायक कर्पूरी ठाकुर की 96वीं जयंती समारोह का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डाॅ. राम मनोहर लोहिया, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, बाबा साहब डाॅ. भीमराव आंबेडकर और जननायक कर्पूरी ठाकुर जैसी हस्तियों से प्रेरित होकर काम करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य सभी समुदाय के लोगों का विकास कर उन्हें अधिकार संपन्न बनाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर ने आजादी की लड़ाई में अपनी महती भूमिका निभाई, इसके बाद हुए समाजवादी आन्दोलन में उनकी जो भूमिका रही है, वह सर्वविदित है। सरकार चलाने का जब उन्हें मौका मिला तब उन्होंने कई ऐसे बड़े काम किये जिससे बिहार में जागृति आयी। जननायक ने सरकारी नौकरी में अतिपिछड़ों को आरक्षण दिया, जिसे खत्म करने की आज कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। आपदा की स्थिति में उन्होंने कई बड़े-बड़े कामों की शुरुआत की। उन्हें भी उनके नेतृत्व में काम करने का मौका मिला है इसलिए उनके अधूरे कार्यों एवं सपनों को साकार करना हम सबकी जिम्मेवारी है।

उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास का काम करना उनकी सरकार का बुनियादी सिद्धांत है। शुरू से ही उन्होंने हर तबके और हर इलाके के विकास के लिए काम किया है, किसी की उपेक्षा नही की है।

श्री कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ने फरवरी 2006 में कानून में संशोधन कर अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) एवं अतिपिछड़े समाज को आरक्षण दिलाने के अलावा पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू किया। इसके बाद पंचायती राज संस्थाओं में अब 50 प्रतिशत से भी ज्यादा महिलायें चुनकर आती हैं।

इसके अगले साल नगर निकायों में भी आरक्षण लागू किया गया। आज बड़ी संख्या में एससी-एसटी और अतिपिछड़े समाज से जुड़े लोग मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष जैसे पदों के लिए निर्वाचित होकर लोगों की सेवा कर रहे हैं। न्यायिक सेवाओं में अब एससी-एसटी एवं अतिपिछड़े वर्ग के लोगों के लिए 21 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।


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