आम चुनाव के पहले तैयार हो जायेगी सबसे आधुनिक इटावा जेल : चंद्र प्रकाश
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (जेल) चंद्र प्रकाश ने कहा कि अगले साल आम चुनाव से पहले प्रदेश की सबसे अधुनिक इटावा जेल बनकर तैयार हो जायेगी

इटावा। उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (जेल) चंद्र प्रकाश ने कहा कि अगले साल आम चुनाव से पहले प्रदेश की सबसे अधुनिक इटावा जेल बनकर तैयार हो जायेगी ।
श्री प्रकाश ने मंलवार को सैफई तहसील के फूलापुर महोला में बन रही नई जेल का करीब तीन घंटे तक बारकी से निरीक्षण किया और निर्माण कार्यों को देखा । उन्होंने जल्द से जल्द काम पूरा कराने के लिए कार्यदाई संस्था निर्माण निगम के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। नई जेल के निरीक्षण के बाद उन्होंने शहर की पुरानी जेल का निरीक्षण किया अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने पुरानी जेल की व्यवस्थाआें पर संतोष भी जताया।
पुरानी जेल के निरीक्षण के बाद श्री प्रकाश संवाददाताओं को बताया कि 31 मार्च तक नई जेल बनकर तैयार हो जाएगी। इस जेल को सेन्ट्रल जेल भी घोषित किया गया है। इस जेल के निर्माण पर 252 करोड़ रुपया खर्च होगा। उन्होंने अधूरे कार्यों को जल्द पूरा कराने के लिए 30 करोड़ रुपए की मांग कार्यदायी संस्था ने की है। इस धनराशि को जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की 24 जेलों में जैमर लग चुके है। जिन जेलों में 3-जी स्पीड के जैमर है। जल्द ही उन्हें 4-जी में बदला जाएगा। उन्होंने बताया कि औरेया में नई जेल के लिए जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। पुरानी जेलों में मानक के अनुसार स्टाफ बढ़ाया जाएगा। तीन हजार 638 आरक्षियों की भर्ती होनी है। भर्ती होने के बाद जेलों को आरक्षी उपलब्ध कराए जाएंगे। तब तक होमगार्ड से कमी को पूरा किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिन जेलों की शिकायतें मिली है उन जेलों के अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।
श्री प्रकाश ने कहा कि जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए नई-नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। साथ ही जेल अधिकारियों को भी हिदायत दी गई है कि अगर अनियमितता मिली तो अधिकारियों को किसी भी
कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। निरीक्षण के समय जेल अधीक्षक राजकिशोर सिंह, जेलर आरके सिंह भी मौजूद रहे।
एडीजी जेल चंद्र प्रकाश ने बताया कि 58 एकड़ भूमि पर बन रही है। परियोजना प्रबंधक ने बताया कि 1860 बंदी क्षमता की बन रही जेल का 76 प्रतिशत काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि बजट के अभाव में काम धीमा चल रहा है। उन्होंने बताया कि भले ही सैफई के फूलापुर महोला में मॉडयूलर जेल बनाई जा रही है, लेकिन नई जेल बनने के बाद भी शहर स्थित पुरानी जेल का भी बजूद बना रहेगा।
पुरानी जेल रेलवे स्टेशन के निकट है। इसका निर्माण अंग्रेजी शासनकाल में हुआ था। जिस समय जेल बनी थी। उस समय इसकी क्षमता 610 बंदियों की थी जो आज तक बरकरार है। जेल में तीन गुना कैदी निरुद्ध है। इसीलिए सपा
शासनकाल में नई जेल की नींव रखी गई थी।


