भारत में सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे : यूनीसेफ
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे भारत में हैं लेकिन ऐसा भोजन की कमी से नहीं बल्कि सदियों से चले आ रहे पुराने सामाजिक रीति-रिवाजों के कारण हो रहा है
नयी दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे भारत में हैं लेकिन ऐसा भोजन की कमी से नहीं बल्कि सदियों से चले आ रहे पुराने सामाजिक रीति-रिवाजों के कारण हो रहा है।
भारत में यूनीसेफ की प्रतिनिधि यास्मिन अली हक ने आज यहां ‘वर्ष 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत’ अभियान सम्मेलन के अवसर पर यूनीसेफ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पांच वर्ष की आयु तक के सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे भारत में हैं।
सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने किया।
सुश्री हक ने इस अवसर पर कहा कि यह और भी चिंता की बात है कि भारत में कुपोषित बच्चों की ज्यादा संख्या भोजन की कमी के कारण नहीं बल्कि सदियों से चले आ रहे पुराने रीति-रिवाजों के कारण है जिससे बच्चों का विकास बाधित हो रहा है।
इन रीति-रिवाजों के कारण कई बार मातायें अपने नवजात शिशुओं को स्तन पान तक समय पर नहीं करा पाती और इसमें देरी होती है जिससे बच्चों का विकास बाधित होता है और वे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की पर्याप्त देखभाल का अभाव, प्रसव घर में कराए जाने पर जोर,नवजात शिशुओं को शुरुआती स्तर पर चिकित्सकों के पास नहीं ले जाना,जच्चा-बच्चा से जुड़ी साफ-सफाई पर उचित ध्यान नहीं दिया जाना जैसी बातें भी बच्चों के कुपोषण का कारण बनती हैं।
सुश्री हक ने कहा कि संस्कृति, परंपराओं और भोजन के मामले में संपन्न भारत जैसे देश में अगर उसकी भावी पीढ़ियां कुपोषित रहने को विवश हैं तो इससे ज्यादा दुख आैर चिंता की बात और क्या हाे सकती है।


